रायपुर में DGP-IGP कॉन्फ्रेंस का आज आखिरी दिन, PM मोदी की अध्यक्षता में होगी बैठक
यह सत्र आधुनिक पुलिसिंग और सुरक्षा रणनीतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को DPG-IG सम्मेलन की अध्यक्षता की। बैठक में भारत की सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। पीएम मोदी बैठक में इस कार्यक्रम को नए आइडिया के का एक बेहतरीन मंच' बताया। छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान में देश भर के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजी) के 60वें सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया।
यह सम्मेलन बंद कमरे में हो रहा है। शनिवार को पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन कुमार डेका और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक प्रवीण सूद के अलावा केंद्रीय और राज्य बलों के अन्य पुलिस प्रमुख भी शामिल हुए।
बता दें कि रायपुर में आयोजित इस कांफ्रेंस का तीसरा और आखिरी दिन है। जिसमें पीएम मोदी की अध्यक्षता में बैठक होगी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह सुबह साढ़े 7 बजे IIM रायपुर पहुँचे, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन 8:35 से 8:40 बजे के बीच होगा।
पीएम मोदी के पहुँचने के बाद डेलीगेट्स और इनवाइटीज़ के साथ समूह फोटो सेशन आयोजित किया जाएगा। इसके बाद 8:50 से 9:50 बजे तक ब्रेकफास्ट का कार्यक्रम रखा गया है। सम्मेलन की औपचारिक बैठक सुबह 10 बजे शुरू होगी। बैठक का पहला सत्र 10 से 11 बजे तक चलेगा, जिसमें ‘पुलिसिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल और नई चुनौतियाँ’ विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस बैठक में विकसित भारत सुरक्षा के आयाम विषय पर मंथन होगा। इसे साथ ही आतंकवाद और नक्सलवाद के खात्मे पर हाई-लेवल समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में साइबर क्राइम से निपटने की रणनीति पर चर्चा होगी। देशभर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में होने वाला यह सत्र आधुनिक पुलिसिंग और सुरक्षा रणनीतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पीएम ने एक्स पर किया ट्वीट करते हुए लिखा कि रायपुर में DGP/IGP कांफ्रेंस में भारत के सिक्योरिटी सिस्टम के अलग-अलग पहलुओं पर गहराई से चर्चा हुई। यह इस क्षेत्र में बेस्ट प्रैक्टिस और इनोवेशन को शेयर करने के लिए एक शानदार फोरम है।
कांफ्रेंस के पहले दिन आयोजित सम्मान समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को सम्मानित किया। इस साल कुल 70 थानों में से बेस्ट 10 थानों का चयन किया गया, जिनमें से 3 को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। जिन तीन टॉप थानों के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सम्मानित किया उसमें गाज़ीपुर थाना, दिल्ली, प्रथम स्थान, पहरगांव थाना, अंडमान, द्वितीय स्थान और कवितला थाना, रायचूर ,कर्नाटक का नाम शामिल है।
तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने शुक्रवार को कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नक्सलवाद , पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर की समस्याओं का 'स्थायी समाधान' दिया है और देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में तेजी से कमी आई है। उन्होंने पुलिस प्रमुखों से नशीले पदार्थों और संगठित अपराध के खिलाफ चौतरफा लड़ाई लड़ने, खुफिया जानकारी की सटीकता और अंतर-एजेंसी तालमेल और देश भर में पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए नए आपराधिक कानूनों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य पुलिस बल स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर काम करें, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय नशीले पदार्थों के गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई करें और उनके सरगनाओं को सलाखों के पीछे डालें।
यह महत्वपूर्ण बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ सप्ताह पहले एजेंसियों ने एक 'सफेदपोश' आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। यह मॉड्यूल 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में शामिल था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रविवार को प्रधानमंत्री के संबोधन के साथ संपन्न होने वाले इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख पुलिस चुनौतियों से निपटने में हुई प्रगति की समीक्षा करना तथा 'विकसित भारत' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप 'सुरक्षित भारत' के निर्माण के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप की रूपरेखा तैयार करना है।
डीजीपी और आईजीपी का सम्मेलन देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के समाधान के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है, जिसमें समस्याओं और चुनौतियों की पहचान करने से लेकर रणनीति और नीतियां तैयार करने तक शामिल है। इस सम्मेलन में लगभग 600 अधिकारियों की भागीदारी हो रही है। यह सम्मेलन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विविध मुद्दों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों के सामने आने वाली विभिन्न परिचालन, ढांचागत और कल्याण संबंधी समस्याओं पर स्वतंत्र रूप से चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।




