छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी जायेंगे हड़ताल पर

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छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी जायेंगे हड़ताल पर

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारी जायेंगे हड़ताल पर

करेंगे 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिन की अनिश्चितकालीन हड़ताल, पड़ेगा सरकारी कामकाज पर असर



छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारियों ने 29 से 31 दिसंबर तक तीन दिन की अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला लिया है। फेडरेशन का कहना है कि मोदी की गारंटी के तहत जो वादे कर्मचारियों से किए गए थे, उन्हें सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है।

कर्मचारियों की 11 बड़ी मांगें हैं जिनमें महंगाई भत्ता बढ़ाना, कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करना, वेतन विसंगति दूर करना और अर्जित अवकाश का नकदीकरण बढ़ाना प्रमुख हैं। फेडरेशन ने साफ कहा है कि हड़ताल के तीनों दिनों में जिले और प्रदेश के अधिकांश सरकारी विभागों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित होगा। कई विभागों में काम लगभग ठप रह सकता है।

फेडरेशन का आरोप है कि सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है, लेकिन अब तक किसी मांग पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इससे पहले 16 अगस्त को कर्मचारियों ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को मांग पत्र सौंपा था। फिर 22 सितंबर को जिला मुख्यालयों में धरना देकर दोबारा ज्ञापन दिया गया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

हड़ताल की तैयारियों को लेकर छत्तीसगढ़ संचालनालयीन शासकीय कर्मचारी संघ की तरफ से इंद्रावती भवन में 13 दिसंबर को एक अहम बैठक की गई। आंदोलन के लिए पदाधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जो कर्मचारियों को आंदोलन के उद्देश्य और आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देंगी।

कर्मचारी संघ का कहना है कि वर्तमान सरकार को बने 2 साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन चुनाव के दौरान किए गए वादे अब तक पूरे नहीं किए गए हैं। महंगाई भत्ता, वेतन विसंगति, नियमितीकरण और पेंशन जैसे मुद्दों पर सरकार की चुप्पी से कर्मचारियों में नाराजगी है।


ये हैं कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगें

केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों और पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।

DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।

सभी कर्मचारियों को 4 स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।

लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।

प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।

सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।

अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।

प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।

अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।

दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।

सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।


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