छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलेगा 5 लाख से 25 लाख तक का ऋण

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छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलेगा 5 लाख से 25 लाख तक का ऋण

छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलेगा 5 लाख से 25 लाख तक का ऋण

शासन की ओर से मिलेगी सब्सिडी, नौकरी पर निर्भर रहने के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर



रायपुर। छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा स्वरोजगार व उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत पात्र दिव्यांगों को पांच लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें शासन की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है।

योजना का उद्देश्य दिव्यांगों को नौकरी पर निर्भर रहने के बजाय खुद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर देना है। इसके अंतर्गत दुकान, सर्विस सेंटर, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, ट्रांसपोर्ट, होटल, डेयरी, पोल्ट्री, मशीनरी आधारित कार्य जैसे कई व्यवसाय शामिल हैं।

योजना का लाभ वही दिव्यांगजन ले सकते हैं जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो। आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसके पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। आय सीमा शासन के मापदंडों के अनुसार तय की जाती है।

समाज कल्याण विभाग के अनुसार व्यवसाय की प्रकृति और परियोजना रिपोर्ट के आधार पर पांच लाख से 25 लाख रुपये तक का लोन स्वीकृत किया जाता है। इस राशि में शासन द्वारा सब्सिडी दी जाती है, जिससे लाभार्थी को बैंक को चुकाने वाली राशि कम हो जाती है। शेष रकम आसान किश्तों में चुकानी होती है।

इच्छुक दिव्यांगजन जिला समाज कल्याण कार्यालय या संबंधित जनपद एवं नगर निगम कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र और प्रस्तावित व्यवसाय से जुड़ी जानकारी देनी होती है। जांच के बाद प्रकरण बैंक को भेजा जाता है।

यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के दिव्यांगों के लिए लागू है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, डेयरी, ट्रैक्टर या मशीनरी आधारित व्यवसाय को भी योजना में शामिल किया गया है।


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