लाखों रुपए के सागौन के पेड़ कटाई एवं जेसीबी ट्रैक्टर जब्ती मामले पर वन विभाग की टीम ने पत्थलगांव थाने में की गणना,
क्षेत्र के कई ऐसे बड़े बड़े घर है जहां दरवाजे चौखट पलँग इन्ही बेसकीमती लकड़ियों से बने होते है, सालों से हो रहे वन की अवैध कटाई की भनक विभाग को नही लग पाता
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। जंगल में कई तरह के बेशकीमती लकड़ियों के पेड़ है जिसकी अवैध कटाई का कार्य वर्षों से होता आ रहा है। विभाग को तब पता चलता है जब कोई इस तरह का बड़ा मामला ग्रामीणों के ततपरता द्वारा सामने आता है। वरना आज भी जंगल के अंदर कई कटे पेड़ों ठूँठ नजर आ जायेंगे। ग्रामीणों की माने तो कई लोगों के घरों में इन्ही बेशकीमती लकड़ियों से बने सामान नजर आ जायेंगे। जप्त सामान को देख लगता है कि मनोज खूंटियां इस क्षेत्र में वर्षों से इन लड़कियों से सामान बना लोगों को बेचता रहा होगा। लोगों का मानना है कि इतने बड़े मामले में किसी बड़े अधिकारी की संलिप्तता जरूर होगी क्योंकि जेसीबी एवम 4- 5 ट्रेक्टर लेकर बेधड़क बेख़ौफ़ अवैध कटाई कर ही नही सकता। जब्त लकड़ियों एवम सामानों को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि सागौन के लकड़ी तस्करी में उक्त आरोपीत व्यक्ति कितने लंबे समय से सागौन तस्करी में लिप्त था।
सागौन लकड़ी की बेखौफ कटाई मामले में पुलिस एवं ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ी गई लाखों रुपए की सागौन लकड़ी की जांच पुलिस थाना परिसर में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही है वन विभाग के कर्मचारियों के धूप में इतनी अधिक मात्रा में मिली सागौन लकड़ी की गणना करने में पसीने छूट रहे हैं। अधिकारी केवल एसी कमरों में बैठकर जंगलों की जांच निरीक्षण का कागजों में घोड़े दौड़ा कर केवल खानापूर्ति करते दिखाई देते हैं यदि अधिकारी कर्मचारी सप्ताह में भी जंगलों का निरीक्षण करते तो आज इतने लाखों रुपए की कीमती सागौन लकड़ी तस्करों की भेंट के साथ विभागीय अधिकारी की संलिप्तता तुरंत उजागर हो जाती किंतु जिले में बैठे वन विभाग के उच्चाधिकारी केवल जिले में ही एसी कमरों में बैठकर अपने अधिकारी कर्मचारियों को आदेश देकर केवल खानापूर्ति करते नजर आते हैं । जब कोई बड़ी घटना प्रकाश में आती है तब अधिकारी बंद कमरों से निकलकर जांच के नाम पर एकाध छोटे कर्मचारियों पर गाज गिरा कर मामले पर पर्दा डाल देते हैं जिसका जीता जागता उदाहरण लाखों रुपए की सागौन पेड़ कटाई से लगाया जा सकता है।
वनकर्मियों की निष्क्रियता और मिलीभगत ने पूरे खेल को दिया अंजाम
इस पूरे खेल में क्षेत्र की असिस्टेंट रेंजर आशा लकड़ा एंव फारेस्ट गार्ड अनूप लकड़ा की भूमिका को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है दरसल रेंज असिस्टेंट आशा लकड़ा को पत्थलगांव डिपो के प्रभार के साथ-साथ संबधित क्षेत्र के रेंज असिस्टेंट का भी प्रभार मिला हुआ है श्रीमती लकड़ा पत्थलगांव में निवासरत है नियमानुसर उन्हे नियमित प्रतिदिन अपने रेंज क्षेत्र का भ्रमण करना था यदि रेंज असिस्टेंट का नियमित मानिटरींग होता रहता या अपने रेंज क्षेत्र में ही निवास करती तो शायद फारेस्ट गार्ड इतना बडा हिम्मत नही कर पाता विदीत हो कि रेंज असिस्टेंट की भूमिका बेहद अहम होता है रेंज असिस्टेंट श्रीमती लकड़ा की निष्क्रियता का फायदा उठाकर फॉरेस्ट गार्ड अनुप लकडा ने माफियाओं के साथ मिलकर इतना बड़ा इतना बड़ा खेल को अंजाम दे दिया।सवाल यह है कि यह खेल काफी लंबे समय से चल रहा था और विभाग के आला अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी फिलहाल वन विभाग द्वारा पत्थलगांव थाने मे जब्त होकर रखे लकडी को सुपुर्दनामा मे लेकर प्रतिवेदन भेजने की तैयारी की जा रही है।
साल वृक्ष की लकडी कहाँ से आई संदेह व्याप्त
गौरतलब हो कि लुडेग निवासी मनोज खुंटिया के निवास से बरामद लकडी के चीरान एंव नक्कासी किए गए चैखट मे से आधा से ज्यादा लकडी साल वृक्ष के है और पत्थलगांव क्षेत्र में साल वृक्ष के जंगल न के बराबर है कुछ साल वृक्ष जोरडोल किलकिला के जंगल मे विधमान है उम्मीद जताई जा रही है कि जब्त लकडियों में से आधा लकडी जो साल की लकडी है उन्हे पत्थलगांव क्षेत्र से बाहर की जंगल से लाया गया हो या फिर किसी के निजी जमीन मे लगे साल वृक्षों से काटा गया हो लेकिन दोनो ही मामलों में बाहर से लाने यो फिर निजी वृक्ष को काटने से पुर्व वन विभाग से अनुमति लेना जरूरी है परंतु साल की इतनी मात्रा मे लकडी आई कहां से यह अपने आप में ही जांच का विषय है।
राजसात होंगे जेसीबी एंव ट्रेक्टर
पत्थलगांव वनपरिक्षेत्राधिकारी कृपासिंधु पैंकरा ने बताया कि मौके पर पुलिस प्रशासन के साथ संयुक्त तौर पर कए गए कार्रवाई मे पुलिस द्वारा बनाए गए प्रकरण के आलावा वन विभाग भी आरोपित व्यक्ति मनोज खुंटिया के खिलाफ नामजद कार्रवाई करते हुए मोके से बरामद जेसीबी एंव ट्रेक्टर पर राजसात की कार्रवाई करेगी,साथ ही असिस्टेंट रेंजर आशा लकड़ा एंव फारेस्ट गार्ड अनूप लकड़ा के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाही की अनुशंषा प्रतिवेदन बनाएगी।उन्होने बताया कि साल वृक्ष की लकडी इतने भारी मात्रा मे आरोपी द्वारा कहां से लाए गए इस मामले पर भी जांच जारी है।
लुड़ेग के जंगल से पेड़ कटाई मामले पर जसपुर के जांच अधिकारी बनाए गए करण सिंह एसडीओ जसपुर ने जंगल का दौरा करते हुए 15से बीस ठुढ जिन्हें तस्कर एवं वन विभाग के कर्मचारी द्वारा बड़ी चतुराई से जेसीबी से मिट्टी डालकर पाट दिया गया था का निरीक्षण किया गया एवं उन्होंने कहा कि इस मामले पर जो भी दोषी होंगे उस पर कार्यवाही की जावेगी जब पत्रकारों ने इतनी बड़ी मात्रा में सागौन के पेड़ कट गए किंतु विभाग को भनक तक नहीं लगी कि मामले के सवाल पर पर जांच अधिकारी करण सिंह चुप्पी साधे रहे।