नगर के व्यव्सायी नही कर रहे गुमाश्ता एक्ट का पूर्ण पालन, 60:40 के अनुपात में हो रहा पालन, चेंबर आॅफ कामर्स ने भी गुमाश्ता पालन पर दी है रजामंदी, देखना होगा अतिक्रमणकारियों एवम गुमास्ता का पालन न करने वालो पर क्या कार्रवाई करते है नगरपंचायत के नवपदस्थ cmo
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
नगर में एक बार फिर बढ़ता अतिक्रमण, खाली जगहों पर कराये जा रहे पक्के निर्माण, प्रशासन आंख मूंद बनी तमाशबीन, बड़े जनप्रतिनिधियों के साये में हो रहे अवेध निर्माण
पत्थलगांव-ःशासकीय कर्मचारीयों की तरह ही निजी सेक्टर के कर्मियों को एक दिन की राहत पहुंचाने का उददेश्य लेकर जिला प्रशासन ने शहर मे दिन मंगलवार को गुमाश्ता एक्ट लागू किया था,परंतु कुछ जिददी एवं लालच से भरे व्यापारियों की लालसा के आगे लंबे समय से इस एक्ट का शहर मे पालन नही हो रहा है। पिछले मंगलवार को नगर पंचायत द्वारा गुमास्ता एक्ट पालन करने के लिए अनाउंसमेंट भी किया गया था जिसके बाद मंगलवार को नगर की 60 प्रतिशत दुकान बंद देखी गई थी किंतु स्थानीय प्रशासन का लापरवाही के कारण 40 प्रतिशत से ज्यादा दुकानदार गुमास्ता एक्ट को ठेंगा दिखा रहे थे। पत्थलगांव में नगर पंचायत सीएमओ के स्थानांतरण के बाद नवपदस्थ सीएमओ गुमास्ता एक्ट प्लान पालन करवाने में कहां तक सफल हो पाते है यह कल मंगलवार को देखने वाली बात होगी.?
जिला प्रशासन निजी कर्मचारीयों को राहत पहुंचाने एवं गुमाश्ता का पालन कराने मे लगातार कोशिश कर रही है,परंतु शहर के कुछ व्यवसायी अपनी जिदद के आगे इस एक्ट की एक नही चलने दे रहे। पिछले दिनो जनपद मे स्थानीय प्रशासन एवं चेंबर आॅफ कामर्स के व्यापारियों के बीच हुयी बैठक के दौरान भी गुमाश्ता एक्ट के तहत दिन मंगलवार को व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने की बात पर सहमति जतायी गयी है,परंतु अब देखना होगा कि इस मंगलवार प्रशासनिक अधिकारी एवं छ.ग. चेंबर आॅफ कामर्स की सहमति का जिददी व्यवसायियों पर कितना असर पडता है। दरअसल शहर मे यह एक्ट कोरोना काल से पूर्व तत्कालिक कलेक्टर महादेव कावरे ने लागू किया था,उस दौरान भी व्यापारियों की बैठक लेकर गुमाश्ता एक्ट का पालन करने की बात कही गयी थी,शुरूवाती दिनो मे सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार को अधिकंाश दुकाने बंद रहती थी,परंतु धीरे-धीरे यह एक्ट दम तोडता चला गया। उसके पीछे नगर पंचायत एवं स्थानीय प्रशासन की लापरवाही भी सामने आयी है। दरअसल गुमाश्ता एक्ट का पालन को लेकर नगर पंचायत एवं स्थानीय प्रशासन को सामने आने की जरूरत होती है,एक्ट का पालन ना करने वाले व्यवसायियों पर जुर्माना की कार्यवाही करने से एक्ट का पालन सुचारू कराया जा सकता है। नगर पंचायत शुरूवाती दिनो मे कुछ सख्ती बरती थी,परंतु धीरे-धीरे अपनी आदत से मजबुर उनके कार्य सिथिल होते गये,जिसका जिददी व्यवसायियों ने भरपूर लाभ उठाना शुरू कर दिया। हालात अब ऐसे है कि इक्का दुक्का दुकाने ही मंगलवार को बंद दिखायी देती है। लोगों की माने अक्सर यह भी देखा जाता है कि सामने की शटर तो गिरी रहती है पर पीछे के दरवाजे या बगल के दरवाजे से अपने कर्मचारियों को अंदर अंदर काम करवाया जाता है और लेनदेन बदस्तूर जारी रहता है।