पत्थलगांव के आसपास की अधिकांश सड़के बद से बदत्तर, ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है जनता, स्थानीय निवासी बोले हम हैं बहुत परेशान
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। जशपुर जिले की अधिकांश सड़के बद से बदत्तर है। ठेकेदारों की लापरवाही एवम मनमानी का खामियाजा जनता भुगत रही है। स्थानीय निवासी बोले हम हैं बहुत परेशान है, कितना ही अपनी आवाज बुलंद कर लो यहां सुनने वाला कोई नही है।
पत्थलगांव नगर से गुजरने वाली एनएच 43 कदम घाट से करूमहुवा, पूरन तालाब से तहसील कार्यालय तक स्टेट हाइवे फुलेता डूमरबहार, धरमजयगढ़, हाटी, जिले में भी कुनकुरी तपकरा, चरईडाँड़ बगीचा ऐसे कई सड़क है जो अभी लोगों के लिये जी का जंजाल बना हुआ है। सड़कों में कीचड़ ही कीचड़ है ऐसे में बाइक चालक बचकर निकलते है। क्योंकि पहिया अक्सर फिसलने के कारण गिरने का डर रहता है। यही जिले में अन्य जगह भी हैं। लोगों का कहना है कि गड्ढों के कारण हादसों की आशंका है। कई बार अपनी आवाज बुलंद कर शासन प्रशासन तक आवाज पहुंचाया गया पर यहां कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं ठेकेदारों की मनमानी ऐसी की बरसात के समय मे सड़को को खोद दिया गया है जिससे आवाजाही में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पानी गिरे तो कीचड़ और न गिरे तो धूल दोनो में ही परेशानी होती है। पीएमजीएसवाई की कई सड़क ऐसी है जो अच्छी व मजबूत है। उसके बावजूद ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने ही बनवाया दिया जा रहा है।
सर्व विदित हो कि सड़कों के बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती है। जब हमारे जिले में सड़क के अलावा अभी कोई अन्य विकल्प नही है। रोटी कपडा और मकान के बाद सड़क पानी और बिजली का ही नम्बर आता है । अच्छी सड़कें विकास की निशानी होती है । सड़क न होती तो एक दिन का काम एक महीने में भी न होता अर्थात सड़क की वजह से विकास तेज हुआ या नही और हो रहा है ये पता लगाया जा सकता है। नेताओं का क्या बड़ी बड़ी बातें कर चलते बनते है और लोगों की समस्या जस की तस बनी रहती है। बिना सोचे समझे केवल पार्टी, जाती विशेष, अनपढ़, वंशानुगत को वोट देने का ही नतीजा है जिसके कारण ऐसी कई समस्याओं का शिकार हो रहे है। आमजन की समझ और सूझबूझ से ही एक सफल, विकसित राज्य का निर्माण हो सकता है।
नगर को दूसरे जिले व बाहरी मार्गों से जोड़ने वाली सड़कों की हालत खस्ताहाल बनी हुई है। ऐसी स्थिति में भारी वाहन चालकों के लिए भी किसी परेशानी से कम नहीं है। निर्माणाधीन सड़कें की हर जगह हालात खराब होने के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। बार-बार इन सड़कों को सुधारने की मांग उठती रहती है। प्रशासन खानापूर्ति के लिए सड़कों पर पैचवर्क भी कर देता है। लेकिन फिर से सड़कें खस्ताहाल हो जाती है। इन सड़कों पर चलने वाले राहगीरों के वाहन मालिकों पर उस वक़्त गहरा सदमा लगता है जब सड़कों की वजह से उनकी वाहनो में बड़ा नुकसान हो जाता है। इन दिनों राह में चलने वाले वाहनों के चेम्बर या अन्य किसी न किसी प्रकार से नुकसान होना आम हो चला है।
नगरीय क्षेत्र में भी हालात नहीं अच्छे, यातायात व्यवस्था बदहाल
वही नगर की ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए शहर में लगाई गई ट्रैफिक लाइटें बंद पड़ी हैं, लोग अपनी हड़बड़ी में दूसरे का बिना सोचे जहां से मन कर रहा वहां से निकल जा रहे इससे चौक पर हमेशा हादसा होने का डर रहता है। दूसरी बड़ी समस्या लापरवाही के चलते वाहन चालक सड़क के किनारे या सड़क पर ही वाहनों को खड़े कर देते हैं। ऐसे में जाम जैसी स्थिति भी बनी रहती है। कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान सड़क से लगी हुई है यहां बड़ी बड़ी ट्रकों को सड़क में खड़ा कर दिया जाता है और बकायदा घण्टो माल उतरवाया जाता है। नगर के जशपुर रोड में कन्या शाला, हॉस्पिटल के सामने, आईडीबीआई बैंक रायगढ़ रोड में स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक अम्बिकापुर रोड में मंडी के सामने, सेंट जेवियर चौक के पास वाहनो के खड़ी करने की वजह से इतनी ट्रैफिक रहती है कि नजारा कुछ और ही होता है।