जशपुर जिले में विकास के खोखले दावों की खुली पोल, सर्पदंश पीड़िता को खाट में ढोकर पहुँचाया गया मुख्य मार्ग तक
सड़क और पुल नहीं होने की वजह से दो किलोमीटर तक खाट में ढोया गया सर्पदंश की शिकार महिला को
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
जशपुर/बगीचा। जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के एक गांव में एक हादसे के दौरान शासन प्रशासन के विकास के खोखले दावों की पोल खुलकर सामने आई, जब एक सर्पदंश पीड़िता को खाट में ढोकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया।
विदित हो कि एक ओर जहां इस वर्ष भी पूरा भारत आजादी का 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है। वहीं बगीचा विकासखण्ड के छिरोडीह गांव की बस्तीयो में आजादी के बाद से अब तक आवागमन के लिए कोई सड़क और, नहीं नदियों पर पुल बनाया गया। यहां के खेत के मेड़ या अन्य कच्चे रास्तों से आते-जाते हैं। किसी के बीमार पड़ने पर अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कत होती है। कभी कभार खाट में मरीज को लेटाकर लोग डाक्टर के पास ले जाते हैं। बारिश के मौसम में यह परेशानी और बढ़ जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक उनके गांव में आवागमन के लिए रास्ता नहीं है। जब-जब चुनाव आता है, तब-तब नेता वोट लेने के लिए रास्ता बनवाने का वादा करते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद नेता उनके गांव में झांकने नहीं आते। कई बार इस हेतु आवेदन पत्र दिया गया। इसके बाद भी कोई पहल नहीं की गई। किसी के बीमार पड़ने पर अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कत होती है। चालक रास्ता न होने की वजह से इस गांव में नहीं आते। खाट में मरीज को लेटाकर लोग डाक्टर के पास ले जाने के लिये 2 किलोमीटर मुख्य सड़क तक लाया जाता है। कई गम्भीर मरीजों को खाट में ले जाने के दौरान उनके मौत की संभावना बनी रहती है। आज भी देखा जाता है कि जिले में पहाड़ी कोरवाओं के कई ऐसे दूरस्थ इलाके है जहां बड़े बड़े राजनीतिक पार्टियों के नेता सिर्फ मुद्दा लेकर राजनीतिक रोटियां सेकते हैं जबकि सच तो यह है कि ऐसे स्थानों के लोगों के लिए जीना ही मुहाल है।