सड़कों पर खुले में घूमने वाले बेसहारा गौवंशों की सुरक्षा एवं इससे होने वाले हासदे रोकने के लिए साय सरकार लाने जा रही गौवंश अभ्यारण्य योजना
सड़कों पर खुले में घूमने वाले बेसहारा गौवंशों की सुरक्षा एवं मवेशियों से होने वाले हासदे रोकने के लिए साय सरकार प्रदेश में गौवंश अभ्यारण्य बनाने की योजना लेकर आ रही है। अभ्यारण्य में मवेशियों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था के साथ इलाज की सुविधा भी रहेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रस्तावित योजना लागू होने पर न केवल सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गोवंशों को नियमित आहार, देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा मिलेगी बल्कि दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी।
गौरतलब है कि सड़कों पर घूम रहे स्वामी विहीन पशुधन न केवल यातायात के लिए बाधा बन रहे हैं , बल्कि आए दिन दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं। भूख से बेहाल पशुधन द्वारा कूड़ा-कचरा और प्लास्टिक खाने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गोवंश अभ्यारण्य योजना इसे रोकने की दिशा में सकारात्मक कदम साबित होगी। राज्य में पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व और वन विभाग के समन्वय से गौवंश अभ्यारण्य संचालित करने की योजना है। इसके क्रियान्वयन से सड़कों पर भूखे-प्यासे भटकने वाले गोवंश को न केवल नियमित आहार मिल सकेगा बल्कि उनकी उचित देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध होगी। गोवंश अभ्यारण्य पशुधन के लिए उचित रहवासी वातावरण से परिपूर्ण होगा।
पूर्व में भी भूपेश सरकार ने भी गोवंशों की सुरक्षा हेतु रोका छेका अभियान के तहत ग्रामों में गोठान योजना लागू की थी, जो लगभग पूरी तरह विफल रही। तब विष्णु सरकार भी इस ओर कार्य योजना लाने जा रही है देखना होगा कि वर्तमान सरकार की कार्य योजना सफल हो पाती है या पूर्वोत्तर सरकार की भांति विफल साबित होती है।