जशपुर पुलिस ने गांजा तस्कर से किया 27 किलोग्राम गांजा जप्त, हुंडई आई 10 कार में कर रहा था गांजा की तस्करी
16 वर्षीय नाबालिग बालक चढ़ा कोतबा पुलिस के हत्थे, अन्य साथीगण फरार, पतासाजी जारी
पुलिसिया कार्रवाई के बाद गांजा तस्करों के हौसले बुलंद, तस्करों की संख्या में हो रही लगातार बढ़त
जशपुर/कोतबा। दिनांक 02.06.2024 के शाम लगभग 06:30 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि लैलुंगा (रायगढ़) की ओर से कुछ लोग एक कार क्र. CG 13 AW4063 में भारी मात्रा में गांजा की तस्करी करते हुये कोतबा की ओर आ रहे हैं, इस सूचना को पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह को अवगत कराया गया एवं उनके निर्देशन में तत्काल एसडीओपी पत्थलगांव ध्रुवेश कुमार जायसवाल एवं प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक भानु प्रताप चंद्राकर के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर मौके के लिये रवाना किया गया, टीम द्वारा मुखबीर के बतायेनुसार ग्राम पीठाआमा चौक के पास नाकाबंदी कर आने-जाने वाली वाहनों की चेकिंग की जा रही थी, इसी दौरान कार क्र. CG 13 AW 4063 के चालक एवं उसमें सवार कुछ व्यक्ति पुलिस को देखकर अंधेरे एवं पानी गिरने का मौका पाकर भाग रहे थे, पुलिस द्वारा उनके भागने पर तत्काल पीछा करते हुए दौड़ाकर कर 16 वर्षीय बालक को दौड़ाकर पकड़ा गया एवं पुलिस द्वारा उक्त बालक से गांजा रखने के संबंध में पूछताछ कर वाहन की तलाशी ली गई, तलाशी दौरान वाहन की डिक्की में मादक पदार्थ गांजा 27 किलोग्राम कीमती 2,70,000 /- (दो लाख सत्तर हजार रुपये) मिलने पर कार सहित जप्त कर अपचारी नाबालिग को अभिरक्षा में लिया गया। अपचारी बालक से पूछताछ पर बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर गांजा को लैलुंगा तरफ से लाना बताया, पुलिस द्वारा फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। अपचारी बालक उम्र 16 साल को पूछताछ उपरांत आज दिनांक 03.06.2024 को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही गिरफ्तारी में चौकी प्रभारी कोतबा उप निरीक्षक समरेन्द्र कुमार सिंह, प्र.आर. 475 फ्रांसिस बेक, आर.क्र. 235 बूटा सिंह, आर. अरूण तिग्गा, आर. 383 आशिशन प्रभात टोप्पो, आर. पदुम वर्मा, आर. 169 पवन पैंकरा एवं अन्य स्टाॅफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
पुलिसिया कार्रवाई के बाद गांजा तस्करों के हौसले बुलंद, तस्करों की संख्या में हो रही लगातार बढ़त
मादक पदार्थों की बिक्री और तस्करी पर रोक लगाने के लिए जिले की पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयास लगभग विफल साबित हो रहे हैं। लगातार पुलिस का कार्यवाही के बावजूद लगातार गांजा की तस्करी करने वाले लोगों में इजाफा निरंतर देखा जा सकता है। इससे अंदाज लगा सकते हैं कि ये तस्कर कितने निडर होकर या सेटिंग कर इस कार्य को करने में तत्परता दिखाते हैं। ज़िले में गांजा का अवैध परिवहन बदस्तुर जारी है, कई मोहल्ले में गांजा के शौकीन कस मारते देखा जा सकता है। सूत्रो की माने तो अब इस कार्य मे बालिग के साथ साथ नाबालिग भी इस कार्य मे लगे हुवे है। तस्कर इस कार्य से शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने में लगे हुवे है। देखा जाए तो पुलिस जब भी गांजा का प्रकरण दर्ज करती है, इसके तह तक जाने में रुचि नहीं लेती। कभी कभी तस्करों से ही मोटी रकम लेन देन की बात सामने भी आती है। निश्चित रूप से परिवहन करने वाला कहीं से खरीद कर ही लाता है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि पुलिस गांजा तस्करों से उस व्यक्ति की जानकारी नहीं ले पाती है जिसके पास से खरीद कर तस्कर लेकर आते है। पुलिस को चाहिए कि तस्करों के बताने के बाद पुलिस विक्रेता के गिरेबां तक पहुंचे।