पटवारीयों के बाद अब तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी हड़ताल पर
छत्तीसगढ़ में राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए चलाये जा रहे राजस्व पखवाड़ा पर पड़ रहा सीधा असर
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को सात सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर किया अवकाश पर जाने का ऐलान
महासमुंद में नायब तहसीलदार को उसी के दफ्तर में थप्पड़ जड़ दिये जाने को लेकर विरोध एवम अपनी सुरक्षा पर उठा रहे सवाल
रायपुर। पटवारी के बाद अब तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी हड़ताल पर चले गये हैं। 7 सूत्री मांगों को लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार नाराज हैं। लिहाजा उन्होंने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को ज्ञापन सौंपा और फिर तीन दिन के अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया है। अगर नहीं मांगें पुरी हुई, तो सभी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जायेंगे। कनिष्क प्रशासनिक संघ झलप में नायब तहसीलदार से मारपीट को लेकर आक्रोशित हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए राज्य सरकार 6 से 20 जुलाई तक राजस्व पखवाड़ा मना रही है। राजस्व पखवाड़े में शिविर लगाकर फौती, नामांतरण और बटवारा, अभिलेख त्रुटि सुधार समेत अन्य राजस्व प्रकरणों का मौके पर ही त्वरित निदान किया जाना है। इस बीच अपनी मांगों को लेकर पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। पटवारियों के बाद मंगलवार से तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने भी राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को सात सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर 10 से 12 जुलाई तक सामूहिक अवकाश लेकर सांकेतिक हड़ताल का ऐलान कर दिया। इसका असर सीधे तौर पर आमजनों पर पड़ता नजर आ रहा है।
संघ ने कार्यालय में सुरक्षा देने समेत 7 सूत्री मांगें रखी हैं। मांग पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संघ जायेगा।
तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन में 60:40 की जगह 50:50 के अनुपात की घोषणा।
-नायब तहसीलदाराें को राजपत्रित का दर्जा।
-वेतन विसंगति को किया जाए दूर।
-प्रोटोकाल, ला एंड आर्डर और मैदानी कार्यों के लिए वाहन व्यवस्था या वाहन भत्ता।
-राजस्व न्यायालय के कुशल संचालन के लिए प्रत्येक पीठासीन के लिए एक वाचक, एक कम्प्यूटर आपरेटर, एक भृत्य तथा लैपटाप, स्कैनर, प्रिन्टर एवं स्टेशनरी फंड, फर्नीचर की व्यवस्था।
-तहसीलदार और नायब तहसीलदार का संलग्नीकरण नहीं, अधीक्षक व सहायक अधीक्षकों का तहसीलदार व नायब तहसीलदारों का प्रभार नहीं दिए जाने संबंधी आदेश का क्रियान्वयन।
संघ का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा न्यायालय में सुरक्षा हेतु पत्र समस्त कलेक्टर को भी जारी किए गए थे। लेकिन आज तक फील्ड में उसका कोई असर नहीं दिखा है। जिसके कारण आज भी न्यायालय में बैठे तहसीलदार नायब तहसीलदारों के ऊपर असामाजिक तत्वों के द्वारा हमले मारपीट गाली गलौज आदि की खबरें लगातार आती रही है। ऐसी स्थिति में नायब तहसीलदार तहसीलदारों का न्यायालय में बैठकर काम करना मुश्किल हो गया है।
संघ का कहना है कि पिछली सरकार में मुख्यमंत्री के द्वारा नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित किया गया था। लेकिन आज तक इस संबंध में कोई भी पत्र सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।
इसी प्रकार तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन में 50-50 का अनुपात लागू करने की घोषणा की गई थी। वह भी अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। एएसएलआर एसएलआर को पर्याप्त संख्या में नायब तहसीलदार तहसीलदार होने के बावजूद तहसीलदार का प्रभार दिया जाता है।
बता दें कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार महासमुंद से झलप में घटना के विरोध में हड़ताल का एैलान किया गया है। महासमुंद में सोमवार को नायब तहसीलदार को उसी के दफ्तर में थप्पड़ जड़ दिया गया। पहले नायब तहसीलदार को चप्पल फेंककर मारी और फिर कॉलर पकड़ लिया। वहीं फिलहाल मारपीट का शिकार हुए नायब तहसीलदार युवराज साहू की रिपोर्ट पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला पटेवा थाना क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है कि कुलप्रीत नायब तहसीलदार युवराज साहू से कोई काम कराना चाह रहा था, लेकिन वे करने से मना कर रहे थे। तहसीलदार के मना करने पर कुलप्रीत ने अपने बैंक मैनेजर दोस्त से कहा कि वह तहसीलदार को बोले कि काम कर दे। इसके बाद कुलप्रीत के कहने पर बैंक मैनेजर ने नायब तहसीलदार युवराज साहू से काम करने की गुजारिश कि। बताया जा रहा है कि इस पर युवराज ने कुलप्रीत को 420 कहा। ये बात बैंक मैनेजर ने कुलप्रीत को आकर बताई। कहा जा रहा है कि इसी को लेकर कुलप्रीत गुस्से में था। वह नायब तहसीलदार के पास पहुंचा और पूंछने लगा कि क्या मैं 420 हूं। पैसे लेकर काम तुम कर रहे है, 420 कौन है। इसके बाद विवाद बढ़ गया और लोग बीच-बचाव करने लग गए।