छत्तीसगढ़ में विष्णु सरकार ने कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा, सरकार ने चार फीसदी बढ़ाया महंगाई भत्ता
अब कर्मचारियों को 50 फीसदी मिलेगा महंगाई भत्ता, छत्तीसगढ़ में तीन लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को साय सरकार ने दिवाली का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की है। फिलहाल नवा रायपुर स्थिति महानदी भवन में साय कैबिनेट की बैठक चल रही है।
सरकार ने छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है, दीवाली से पहले सीएम विष्णदेव साय ने कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है । कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46% से बढ़कर 50% किए जाने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने डीए में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की है। छत्तीसगढ़ में अब महंगाई भत्ता मूल वेतन का 50 प्रतिशत हो जाएगा। सीएम विष्णुदेव साय ने रायपुर में आज पत्रकारों से कहा कि दिवाली का त्योहार नजदीक है और ऐसे में उनकी सरकार ने डीए में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है, इससे यह केंद्र सरकार के बराबर हो जाएगा। महंगाई भत्ता 1 अक्टूबर से राज्य के सभी कर्मचारियों को मिलेगा। प्रदेश में 3 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी काम करते हैं उनको इसका फायदा मिल सकेगा। कैबिनेट मीटिंग में धान-मक्का खरीदी, राज्योत्सव और नक्सल नीति समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
इससे पहले, कैबिनेट की एक उप-समिति ने 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। खाद्य मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस साल 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए 1 नवंबर से ही धान खरीदी शुरू करने की मांग की है।
डीए में बढ़ोतरी का स्वागत
शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने डीए बढ़ाने के फैसले का स्वागत तो किया है, लेकिन इसे 1 जनवरी 2024 से लागू करने की मांग की है। मोर्चा के मुताबिक चार फीसदी डीए बढ़ाने से शिक्षकों और कर्मचारियों को आधी खुशी मिली है। दिवाली से पहले सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं, लेकिन इसे 1 जनवरी 2024 से दिया जाना था।
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने अपने x पर इसकी दी जानकारी:-
राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 46% से बढ़कर 50% करने का निर्णय।
01 अक्टूबर से मिलेगा महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी का लाभ।
कर्मचारियों के हित में माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी का बड़ा फैसला।