छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सेंट्रल जेल में कुख्यात कैदियों के पास से मोबाइल फोन और गांजा हुवा बरामद, जेल की सुरक्षा को लेकर उठा सवाल

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छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सेंट्रल जेल में कुख्यात कैदियों के पास से मोबाइल फोन और गांजा हुवा बरामद, जेल की सुरक्षा को लेकर उठा सवाल

छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सेंट्रल जेल में कुख्यात कैदियों के पास से मोबाइल फोन और गांजा हुवा बरामद, जेल की सुरक्षा को लेकर उठा सवाल 

जेल प्रहरियों की भूमिका संदिग्ध, रूटीन जांच के दौरान हुवा खुलासा



छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर सेंट्रल जेल में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां कैदियों के पास से मोबाइल फोन और गांजा बरामद किया गया है। इससे जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में जेल प्रहरियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है और जेल प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

बता दें कि सेंट्रल जेल अंबिकापुर आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। पूर्व में यहां कई बड़े कांड हो चुके हैं। इसी बीच 17 मार्च को जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने जेल के बैरकों की जांच की। इस दौरान सूरजपुर में पदस्थ प्रधान आरक्षक की पत्नी व बेटी की हत्याकांड के आरोपी कुलदीप साहू के बैरक से मोबाइल व गांजा बरामद किया गया। बताया यह भी जा रहा है कि वह जिस बैरक में मोबाइल व गांजा बरामद हुआ है उस बैरक में  दुर्ग का कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली भी रहता है। इस मामले में 2 जेल प्रहरियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, सूत्रों के अनुसार मोबाइल व गांजा मिलने के बाद दोनों आरोपियों को जेल प्रबंधन ने हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट किया गया है। 

बताया यह भी जा रहा है कि कुलदीप साहू के पास आए दिन जेल में मिलने वाले आते थे जो कुछ ना कुछ खाने का सामना देते थे। जेल प्रहरियों से बेहतर संबंध होने के कारण उन सामानों की जांच नहीं की जाती थी। इसी बैरक में दुर्ग का कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली भी रहता है। दीपक नेपाली को महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामले में रायपुर के जेल से अंबिकापुर सेंट्रल जेल  में 4 महीने पहले शिफ्ट किया गया था। कुख्यात बदमाशों के पास मोबाइल मिलने के बाद जेल प्रबंधन में हडक़ंप मचा हुआ है। कुख्यात बदमाशों के बैरक में मोबाइल व गांजा किस माध्यम से पहुंचा यह अब तक पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि मुलाकातियों द्वारा इन प्रतिबंधित सामान को जेल में बदमाशों तक पहुंचाया गया होगा। जेल के इस बैरक तक ये दोनों सामान किस तरह से पहुंचा, ये एक सवाल है।

बताया गया है कि बदमाशों ने पानी के नीचे व बाथरूम की दीवार में गांजे की अलग-अलग पुड़ियां छुपाकर रखी थी। मोबाइल को भी इस तरह काफी सुरक्षित जगह पर रखा गया था। मोबाइल से जेल प्रबंधन ये पता करने का प्रयास कर रहा है कि ये किसके नाम के सिम से चालू था और कहां-कहां इस पर बात होती थी। 

जेल प्रबंधन अब इसको लेकर जांच कर रहा है कि दोनों सामान किस माध्यम से बैरक तक पहुंचाया गया था। जेल में हर माह बीच-बीच में रूटिन जांच होती है। सोमवार को जेल की टीम ने बैरकों की जांच की तो मोबाइल व गांजे की कुछ पड़ियां मिली। इसे जब्त कर लिया गया है। मामले की जानकारी उच्च प्रबंधन को दे दी गई है। अब पूरी कार्रवाई उच्च प्रबंधन स्तर पर ही हो रही है। -योगेश सिंह क्षत्रिय, जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल अंबिकापुर



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