जशपुर जिले में वन संपदा को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने शुरू किया अनूठा पहल, गीत- संगीत से दे रहे संदेश
जशपुर जिले में वन संपदा को आग से बचाने के लिए वन विभाग का अनूठा पहल शुरू किया गया है। प्रचार वाहन से गीत के माध्यम से ग्रामीणों को जंगल में महुआ चुनने के दौरान आग नहीं लगाने की अपील की गई। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के संभागीय सचिव सह तपकरा बीएफओ अविनाश शर्मा और चाँदनी सिंह ने जागरूकता गीत के माध्यम से लोगों वनों में आग नही लगाने व उससे होने वाले दुष्परिणाम पर प्रकाश डाला । विदित हो कि महुआ उठाने के समय ग्रामीणों द्वारा पेड़ के नीचे आग लगा दी जाती है। उससे पूरा जंगल आग की चपेट में आ जाता है। जिससे आग विकराल रूप ले लेता है। उसे बुझाने में विभाग को मशक्कत करनी पड़ती है। आग से वन संपदा को नुकसान होता है। मंगलवार की शाम 5 बजे तपकरा बीएफओ अविनाश शर्मा ने बताया कि गीत के माध्यम से लोगों को जागरुक किया गया है। उन्होंने बताया कि आग की चपेट में पेड़ो के साथ वन्य जीव भी जल कर खाक हो जाते हैं। आग से बचने के लिए जंगली जानवर गांव की ओर रुख कर लेते हैं। उससे ग्रामीणों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने बताया कि आग लगाने वाले ग्रामीणों को चिन्हित कर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आग नहीं लगाएं अन्यथा ग्रामीणों को जुर्माना के साथ 10 वर्ष तक कठोर कारावास की सजा भुगतना पड़ सकता है ।
बता दें कि इस गर्मी का मौसम के दौरान जशपुर जिले में वनों में आग लगने की घटना में काफी इजाफा हुआ है। वन संपदा को आग से बचाने के लिए वन विभाग का अमला ने छत्तीसगढ़ी गीत के माध्यम से लोगों में जागरूकता की अनूठी पहल शुरू की है।
वन अधिकारी का कहना है कि ग्रामीणों को जागरूक करने से उन्हें आग की रोकथाम में काफी सहयोग मिल रहा है। गांव के लोग भी जंगल के महत्व को समझने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे जंगलों की हरियाली बचाने के लिए वे नियमित बैठक लेकर इस काम में सभी का सहयोग ले रहे हैं।