गरियाबंद जिले की फामेश्वरी यादव बनीं छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई

Breaking Posts

6/trending/recent
Type Here to Get Search Results !

गरियाबंद जिले की फामेश्वरी यादव बनीं छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई

गरियाबंद जिले की फामेश्वरी यादव बनीं छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई

यह सफलता राज्य की अन्य युवतियों को भी देगी प्रेरणा, उन्हें सेना व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का देगी हौसला



रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की फामेश्वरी यादव ने प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बनकर इतिहास रचा है। फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी की रहने वाली फार्मेश्वरी (21) की मां को कभी पड़ोस के लोग ताने दिया करते थे, लेकिन आज जब वह अग्निवीर बनी तो हर किसी ने उनका स्वागत किया। यह राज्य के लिए गर्व और बेटियों के आत्मबल का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फामेश्वरी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह केवल एक चयन नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों की हिम्मत और देशभक्ति का प्रमाण है। फामेश्वरी ने यह दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सफलता राज्य की अन्य युवतियों को भी प्रेरणा देगी, और उन्हें सेना व अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ने का हौसला देगी। राज्य सरकार बेटियों के सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के हर कदम में उनके साथ है।

मुख्यमंत्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी और राज्य की बेटियाँ हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेंगी।

उल्लेखनीय है कि 24 मार्च, 2025 को घोषित परिणाम में चयन के बाद फामेश्वरी 01 मई, 2025 से बेंगलुरु स्थित सेना मिलिट्री पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्रारंभ करेंगी। उन्हें सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर द्वारा सम्मानित भी किया गया।

परिवार वाले बताते है कि जब उनकी लड़की ने सेना में जाने की इच्छा जताई तो आसपास के लोग कान भरते थे, कहते थे दो बड़े बेटों के रहते घर की छोटी बेटी को नौकरी के लिए बाहर भेज रहे है। ऐसी नौकरी जिसमें औरतों का कम जाना होता है, ऐसा कहते थे। लेकिन हमने उन सब बातों को अनसुना किया और बेटी को देश सेवा के लिए छोड़ दिया।

फामेश्वरी Bsc सेकेंड ईयर की छात्रा है। घर में हाथ बटाने के साथ ही वह पढ़ाई भी करती थी और सेना में जाने की तैयारी भी करती थी। उसकी सफलता में परिवार का पूरा सहयोग रहा। पिता और भाई रोजाना 2 घंटे फिटनेस की ट्रेनिंग देते थे। गांव की सड़कों में सुबह 4 बजे वे लोग दौड़ लगाने निकल जाते थे और फिर वार्मअप करते थे।

फामेश्वरी के पिता हीरालाल मजदूर है, उनके दो बेटे भी है, बेटी सबसे छोटी है, राजीव लोचन कॉलेज में उसकी पढ़ाई चल रही है। कॉलेज में NCC ज्वाइन किया हुआ है। बुआ के बेटे और गांव में एक युवक अग्निवीर में भर्ती हुए है। वर्दी देखकर कर जुनून उठा और बेटी ने अग्निवीर बनने की ठान लिया। 5-6 माह की ट्रेनिंग के बाद उनका सिलेक्शन हो गया।

मजदूर पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग करा सके। वो अपनी बेटी को ट्रेनिंग देने के बाद मजदूरी पर निकल जाते थे। इस तरह से उनकी की मेहनत रंग लाई और 24 मार्च 2025 को अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) भर्ती का परिणाम घोषित होने पर फामेश्वरी का चयन हुआ।

Top Post Ad


 

Below Post Ad

Ads Bottom