जिला अध्यक्षों को फिर से सियासी ताकत देने की कवायद में जुटी कांग्रेस हाईकमान
अब उनकी नियुक्ति को लेकर उठाया नया कदम, स्थानीय नेताओं से चर्चा करके दावेदारों के करेंगे इंटरव्यू
गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में भी ये फॉर्मूला किया जा सकता है लागू
जिला अध्यक्षों को फिर से सियासी ताकत देने की कवायद में जुटे कांग्रेस हाईकमान ने अब उनकी नियुक्ति को लेकर नया कदम उठाया है। कांग्रेस के इतिहास में पहली बार अब जिलाध्यक्षों की सीधी नियुक्ति खुद हाईकमान करेगा। इसके तहत सबसे पहले गुजरात राज्य को राहुल गांधी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। पहले ये काम प्रदेश नेताओं की सिफारिश से होता था, लेकिन अब प्रक्रिया पूरी तरह बदल दी गई है पर्यवेक्षक जिलाध्यक्ष चुनेंगे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार 15 अप्रैल, 2025 को अहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी एआईसीसी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी पीसीसी के पर्यवेक्षकों के साथ एक अभिविन्यास बैठक को संबोधित किया, जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुजरात में 41 जिला इकाइयों के अध्यक्षों की पहचान और चयन की प्रक्रिया पर चर्चा की गई।
संगठन की मजबूती के मिशन में जुटे कांग्रेस आलाकमान ने अब जिला अध्यक्षों को फिर से पावरफुल बनाने की दिशा में धरातल पर ऑपरेशन शुरु कर दिया है। जिम्मेदारी के साथ जिला अध्यक्षों की जवाबदेही तय करने के लिए अब उनके चयन से जुड़ा कांग्रेस ने नया फार्मूला चुना है। अब नियुक्ति से पहले बाकायदा हर एंगल और समीकरणों के मद्देनजर रखते हुए पड़ताल की जाएगी। गुजरात कांग्रेस ने इसे संगठन सृजन अभियान के तहत शुरू किया है। एआईसीसी ने हर जिले के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो स्थानीय नेताओं से चर्चा करके दावेदारों के इंटरव्यू कर रहे हैं। इंटरव्यू रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जा रही है, जिसके आधार पर अंतिम चयन होगा। इसके बाद छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में भी ये फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।
पार्टी ने छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मंत्री शिव डहरिया को गुजरात में पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इसके अलावा अन्य राज्यों से भी वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर गुजरात भेजा गया है।
कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनाने का अब नया फार्मूला
-अब बड़े नेताओं की नहीं चलेगी चयन में पसंद-नापसंद
-अब हाईकमान खुद करेगा जिला अध्यक्षों का चयन
-गुजरात से चयन का पायलट प्रोजेक्ट किया शुरु
-कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा
-जब पर्यवेक्षक करेंगे जिला अध्यक्ष का चयन
-गुजरात में चयन के लिए किए AICC और PCC पर्यवेक्षक नियुक्त
-पर्यवेक्षक 5-5 नामों का करेंगे पैनल तैयार
-अगले 45 दिनों में पर्यवेक्षकों को रिपोर्ट सहित सौंपने होंगे नामों के पैनल
-फिर हाईकमान हर एंगल से पैनल के नामों को करेगा क्रॉस चेक
-उसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की होगी सूची जारी
खास बात है कि खुद राहुल गांधी अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं। दरअसल राहुल गांधी का इसके पीछे मकसद है कि अब पार्टी को संगठन खास तौर से जिला अध्यक्षों के भरोसे चलाया जाए। इसलिए टिकट वितरण जैसे बड़े काम में उनका रोल तय होगा। लिहाजा वो चाहते है कि जिला अध्यक्ष ऐसा बने जो पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हुआ हो। इसलिए उनका साफ कहना है कि जिला अध्यक्षों के चयन में कोई समझौता अब नहीं होगा।
कांग्रेस ने हाल ही में गुजरात अधिवेशन में यह भी तय किया था कि जिला अध्यक्षों को संगठन में ज्यादा ताकत दी जाएगी। उन्हें टिकट वितरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। अब नियुक्ति का फॉर्मूला भी बदलने के बाद पार्टी के अंदर भी इस बदलाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
कांग्रेस इस समय संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। लगातार मिली हार के बाद पार्टी नेतृत्व अब जिला अध्यक्षों को और अधिक अधिकार देने और उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने की दिशा में काम कर रहा है।
टिकट बंटवारे में भी अब इनकी चलेगी -अब जब चुनाव आएंगे, तो कौन उम्मीदवार होगा, इसमें जिला अध्यक्ष की राय मानी जाएगी। मतलब अब फैसले सिर्फ ऊपर से नहीं होंगे, नीचे वालों की बात भी सुनी जाएगी।
राजनीतिक पोस्ट में भी भूमिका- अब जिला अध्यक्षों को राजनीतिक अपॉइंटमेंट यानी किसे कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी, उसमें भी रोल मिलेगा।
आर्थिक फैसलों में भी भागीदारी -संगठन के कामों में जो खर्च-फरमान निकलते थे, वो सब अब जिला अध्यक्षों की राय से होंगे। मतलब पैसे की प्लानिंग में भी इनकी एंट्री पक्की।
पार्टी के कार्यक्रमों की कमान- AICC और PCC से जो भी अभियान या कार्यक्रम आते हैं, उन पर अमल कराने और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी अब इन्हीं की होगी।
मतदाता सूची का काम भी इनके जिम्मे- हर जिले में वोटर लिस्ट अपडेट करवाना और सही आंकड़े रखना, ये भी अब जिला अध्यक्ष की ड्यूटी बन जाएगी।
काम अच्छा तो मिलेगा बड़ा पद- राहुल गांधी ने खुद कह दिया है- जो जिला अध्यक्ष बढ़िया काम करेगा, उसे आगे चलकर मंत्री जैसे बड़े पद भी मिल सकते हैं। मतलब अब मेहनत करने वालों को ही मौका मिलेगा।