भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने युद्ध के हालात के बीच छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द :- आदेश जारी
केंद्र का सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन उपायों को लागू करने का आदेश जारी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में समर वेकेशन केन्शल, एसोसिएशन ने जताया विरोध
रायपुर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने युद्ध के हालात के बीच सभी राज्य भी अलर्ट पर हैं। देश के कई राज्यों में स्कलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है, तो वहीं दूसरी ओर कई अधिकारी, कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। इसी बीच छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। डीजीपी अरुणदेव गौतम ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश भी दिए हैं। आदेश में कहा गया है की मौजूदा परिस्थिति में अतिआवश्यक परिस्थितियों व अनिवार्य कामों के अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को छुट्टी नहीं दी जायेगी। साथ ही सभी इकाई बल को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस बाबत में डीजीपी ने उक्ताशय के आदेश जारी किए हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। केवल अति आवश्यक मामलों में छुट्टी दी जाएगी, वह भी डीजीपी की अनुमति से। आपात स्थिति में तत्काल तैनाती सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को मुख्यालय में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन उपायों को लागू करने का आदेश जारी
भारत की पश्चिमी सीमा पर बढ़ते तनाव और पाकिस्तानी हमलों की आशंका के बीच, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत आपातकालीन उपायों को लागू करने का आदेश जारी किया है। यह कदम मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों और सीमा पर हाल के हमलों के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना द्वारा जम्मू और जैसलमेर क्षेत्रों में गुरुवार रात किए गए ड्रोन और मिसाइल हमले शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने अपने पत्र, “राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस उपायों का सुदृढ़ीकरण” है, में सिविल डिफेंस नियम, 1968 की धारा 11 का हवाला दिया। इस धारा के तहत राज्य सरकारों को लोगों और संपत्ति की सुरक्षा, महत्वपूर्ण सेवाओं के निर्बाध संचालन, और शत्रु हमले के दौरान आवश्यक कदम उठाने की शक्ति प्रदान की गई है। पत्र में स्पष्ट किया गया कि स्थानीय प्राधिकरणों के धन का उपयोग ऐसी आपातकालीन व्यवस्थाओं के लिए किया जा सकता है, और इन उपायों को अन्य सभी वित्तीय दायित्वों पर प्राथमिकता दी जाएगी।
वहीं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में समर वेकेशन पोस्टपोन हो गई है। पहले समर वेकेशन 10 मई से शुरू होने वाली थी। अब इसे बढ़ा कर 2 जून से 28 जून तक घोषित किया गया है। हालांकि इस आदेश का बार एसोसिएशन ने विरोध जताया है।
समर वेकेशन आगे बढ़ाने के खिलाफ बार एसोसिएशन
पुलिस विभाग के अलावा चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने भी भारत-पाकिस्तान जंग के हालात को देखते एक फैसला लिया। ये फैसला हाईकोर्ट के समर वेकेशन को आगे बढ़ाने का है। इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर की ओर से आदेश जारी किया गया है। वेकेशन की तारीख 2 जून से करने पर अधिवक्ताओं ने विरोध दर्ज कराया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल और सचिव वरुणेन्द्र मिश्रा ने इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भी सौंपा है।