पत्थलगांव थानाक्षेत्र के ग्राम तिरसोठ में करैत सांप के काटने से 7 वर्षीय बच्ची की मौत, पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

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पत्थलगांव थानाक्षेत्र के ग्राम तिरसोठ में करैत सांप के काटने से 7 वर्षीय बच्ची की मौत, पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

पत्थलगांव थानाक्षेत्र के ग्राम तिरसोठ में करैत सांप के काटने से 7 वर्षीय बच्ची की मौत, पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

वहीं परिजनों ने अस्पताल की सुविधा पर लगाया आरोप, वेंटिलेटर की सुविधा नही, नही तो बच सकती थी जान



पत्थलगांव। पत्थलगांव थानाक्षेत्र के ग्राम तिरसोठ (कछार) में करैत सांप के काटने से एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। सर्प के काटने के बाद परिजन बच्ची को लेकर पत्थलगांव के सिविल अस्पताल लाये वहां से उसे बेहतर इलाज हेतु अम्बिकापुर भेजा पर रास्ते मे बच्ची की मौत हो गई। परिजनों की सूचना पर पत्थलगांव पुलिस मर्ग कायम कर व शव का पंचनामा तैयार कर शव को परिजनों को सौप देगी। 

थाने में दी गई सूचना के अनुसार सूचक अजय लाल नाग ने बताया कि दिनांक 24.07.2025 को अपने परिवार के साथ खाना पीना खाकर अपने कमरे में सो गया। दुसरे कमरे में मेरी बच्ची मृतिका कु० स्नेहा नाग अपने दादी के साथ पलंग में सोई थी। उसी कमरे में दुसरे पलंग पर सूचक का भाई अजबीर लाल नाग भी सोया था। रात्रि करीब 11.50 बजे सुचक की माँ सॉप-सॉप बोलकर हल्ला करते हुए हमारे कमरे के पास आकर बताई कि स्नेहा को सॉप काट दिया मैं बचा नहीं पाई, सॉप वहीं बिस्तर पर है बच्ची को दुसरे पलंग पर बैठा दी हूँ बोलकर बताई, फिर मै तथा मेरी पत्नी नीलम वहां देखने गये मृतिका बच्ची स्नेहा भाई के बिस्तर पर बैठी थी उसके पीठ में सॉप काटने का निशान दिख रहा है। फिर मै मेरी पत्नी तथा साला रूपेन्द्र सिंह एक कार में बच्ची को लेकर ईलाज कराने पत्थलगॉव ले आये यहाँ पर प्राथमिक उपचार किये फिर रिफर करने पर जिला अस्पताल अम्बिकापुर लेकर जा रहे थे जो बतौली के पास बच्ची की मृत्यु हो गई फिर वापस पत्थलगाँव आ गये।

वहीं परिजनों ने अस्पताल की सुविधा पर आरोप लगाया है, उनका कहना है कि पत्थलगांव सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा नही  है। यदि समय रहते इसे वेंटिलेटर की सुविधा मिल जाती तो बच्ची की जान बच सकती थी।

पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है, यह एक गंभीर समस्या है। वेंटिलेटर न होने का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। इससे मरीजों को, खासकर गंभीर रूप से बीमार लोगों को, निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, जहाँ इलाज का खर्च बहुत अधिक होता है। वेंटिलेटर की कमी का सीधा असर मरीजों पर पड़ता है, खासकर उन लोगों पर जिन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या है। 

चूंकि यह वर्तमान सीएम का गृह जिला है, इस जिले में स्वास्थ्य का यह हाल है तो बाकी शासकीय स्थानों से क्या उम्मीद लगा सकते है। यह आवश्यक है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से लें और सिविल अस्पतालों में वेंटिलेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि मरीजों को उचित इलाज मिल सके। 

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