उप अभियंता जल संसाधन विभाग की चयन परीक्षा केंद्रों में लगाए गए जैमर, जूते-बेल्ट भी उतरवाए, कड़ी सुरक्षा के बीच हुई परीक्षा
छत्तीसगढ़ राज्य व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से 20 जुलाई रविवार को उप अभियंता जल संसाधन विभाग की चयन परीक्षा ली गई। इससे पहले उम्मीदवारों को कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। प्रवेश पत्र में उम्मीदवारों को निर्देश दिए गए थे कि वह चप्पल और हाफ बांह वाली ही शर्ट पहनकर आएं। फिर भी कुछ उम्मीदवार पूरी आस्तीन वाली कमीज और जूते पहनकर केंद्र आए थे। जांच में तैनात कर्मचारियों ने उन्हें घर जाकर हाफ शर्ट पहनकर आने को कहा, लेकिन कई उम्मीदवार वापस नहीं जा सकते थे। इसकी वजह से जो महिला उम्मीदवार फुल आस्तीन वाली कमीज या कुर्ती आदि पहनकर आई थी, उनकी आस्तीन काटी गई।
बता दें कि बिलासपुर में जशपुर जिले की दो युवतियों ने मिलकर डिजिटल नकल कांड किया था, इस नकल कांड के बाद पहली बार व्यापम की परीक्षा में कड़ाई देखने को मिली। जैमर लगे कक्षों में रविवार को अंबिकापुर के पांच परीक्षा केंद्रों में आयोजित सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा शांतिपूर्ण और कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच सम्पन्न हुई। जिले के कुल 1985 पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 1513 अभ्यर्थी उपस्थित रहे, जबकि 472 अनुपस्थित रहे। बिलासपुर में हाईटेक नकल के कारण इस बार परीक्षा केंद्रों पर फुलबाह शर्ट,जूते, बैल्ट, परीक्षा केंद्रों में मोबाइल, घड़ी, आभूषण और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर भी प्रतिबंध था।
उन्हें अवसर दिया गया कि वे चाहें तो नजदीक के किसी दुकान से हाफ शर्ट या हाफ टी शर्ट खरीदकर पहन सकते हैं। सबके पास यह व्यवस्था नहीं थी। फूल बांह की शर्ट और टी शर्ट को लेकर यह स्थिति लगभग सभी परीक्षा केंद्रों में देखने को मिली। जूते पहनकर आए परीक्षार्थियों को बाहर ही जूते खोलने पड़े क्योंकि चप्पल पहनकर आने का निर्देश था। व्यवसयिक परीक्षा मंडल ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे, इस कारण स्थानीय स्तर पर परीक्षा केंद्र प्रभारियों ने नियमों का पालन कराने के लिए पूरी सख्ती बरती।
वहीं कहीं कहीं के केन्द्रों में लड़कों ने या तो बनियान पहनकर परीक्षा दी या फिर पास में बाजार से नई टी शर्ट खरीदे और उसे पहनकर परीक्षा दी। वहीं जूते परीक्षा हाल से बाहर रखवाए गए। कुछ उम्मीदवार अपने टेबल के पास ही जूते उतारकर परीक्षा दिए।
परीक्षा में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के पीछे का कारण, हाल ही में सामने आए हाईटेक नकल के मामलों को रोकना था। परीक्षा केंद्रों में जैमर भी लगाए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की डिजिटल नकल को रोका जा सके।



