केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने देश भर में 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का किया रजिस्ट्रेशन रद्द
छत्तीसगढ़ की 9 राजनीतिक पार्टियों की मान्यता को चुनाव आयोग ने किया समाप्त
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने देश भर में 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें छत्तीसगढ़ की 9 राजनीतिक पार्टियों की मान्यता को चुनाव आयोग ने समाप्त कर दिया है। इन दलों ने 2019 से पिछले छह वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, इन दलों के पास 30 दिनों के भीतर अपील करने का विकल्प है।
ECI ने इसलिए लिया एक्शन
केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ECI) की ओर से इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया गया है। यह कार्रवाई उन दलों के खिलाफ की गई है, जो चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे थे। इन दलों को कर छूट जैसे लाभ मिल रहे थे, लेकिन चुनावी गतिविधियों में भागीदारी न होने के कारण आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है।
राज्य में अब 46 पार्टियां ही बचीं
चुनाव आयोग के अनुसार, यह फैसला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत लिया गया है। आयोग के इस फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों की संख्या कम हो गई है। छत्तीसगढ़ में पहले कुल 55 राजनीतिक पार्टियों चुनाव लड़ने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाई थीं। लेकिन चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद अब केवल 46 पार्टियां ही बची हैं। हालांकि राज्य में मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस ही हैं।
क्या है जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951
आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत किया जाता है। इस अधिनियम के नियमों के अनुसार, यदि कोई राजनीतिक दल लगातार छह वर्षों तक चुनाव में हिस्सा नहीं लेता है और इस स्थिति को छह साल तक जारी रखता है, तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाता है। निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दलों पर इस नियम के तहत एक्शन लिया है।
प्रदेश की ये पार्टियां बाहर
छत्तीसगढ़ एकता पार्टी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी, छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी, छत्तीसगढ़ विकास पार्टी, पृथक बस्तर राज्य पार्टी, राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी, राष्ट्रीय मानव एकता पार्टी, राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच।



