राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली होगी पूरी तरह डिजिटल, स्मार्ट-पीडीएस अगले वर्ष 2026 से पूर्ण रूप से होगा लागू
इसके बाद राशन कार्डधारी किसी भी उचित मूल्य दुकान से प्राप्त कर सकते हैं राशन सामग्री
रायपुर। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी (Smart-PDS Chhattisgarh) बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए स्मार्ट-पीडीएस लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है।
खाद्य एवं राजस्व विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने नवा रायपुर स्थित संवाद कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि स्मार्ट-पीडीएस अगले वर्ष 2026 से पूर्ण रूप से लागू हो जाएगा, जिसके बाद राशन कार्डधारी किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
सचिव ने बताया कि प्रदेश की 6,585 उचित मूल्य दुकानों के पास अपना दुकान–सह–गोदाम भवन नहीं है और ये किराये या शासकीय भवनों में संचालित हो रही हैं। इनके लिए नए भवन निर्माण का बजट स्वीकृत किया गया है। सभी ऑफलाइन दुकानों को चरणबद्ध तरीके से ऑनलाइन जोड़ा जा रहा है। बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा,नारायणपुर और कांकेर जिले के 402 दूरस्थ ग्रामों के 42,220 परिवारों को चावल, चना, नमक, शक्कर और गुड़ निःशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में 18 नई दुकानों की स्वीकृति दी गई है।
38 लाख महिलाओं को मिले फ्री गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 38 लाख महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं और 2025 में नए कनेक्शन जारी करने की प्रक्रिया जारी है। स्मार्ट पीडीएस लागू होने के बाद राशनकार्ड प्रबंधन, सप्लाई चेन और वितरण प्रणाली पूरी तरह केंद्रीकृत और ऑनलाइन होगी। साथ ही लाल, पीले और हरे अलर्ट सिस्टम के माध्यम से शिकायतों की निगरानी और गाड़ियों की ट्रैकिंग भी की जा रही है। पीडीएस में 11 लाख नए परिवार जुड़ने से 82 लाख सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं।
राजस्व के 52,908 मामले लंबित, दुर्ग में सबसे अधिक
कंगाले ने बताया कि नामांतरण, विभाजन और सीमांकन से जुड़े 52,908 प्रकरण अभी लंबित हैं। न्यायालयीन मामलों में दुर्ग संभाग में 7,438, सरगुजा में 5,000 और बिलासपुर में 2,000 मामलों की लंबित सूची है। ई-राजस्व प्रणाली से अनावश्यक पेशियों में कमी आई है और लंबित प्रकरणों की नियमित समीक्षा की जा रही है।
ऑनलाइन सेवाओं से बढ़ी सुविधा
राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग की उपलब्धियों पर सचिव ने बताया कि खसरा, बी-वन, डिजिटल साइन, नामांतरण और डायवर्सन जैसी सेवाएं ऑनलाइन होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। 15,900 गांवों में 10 लाख लोगों को पट्टा वितरण की तैयारी चल रही है।
भुइया एप के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध हैं। दो वर्षों में आपदा प्रभावितों को 321 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है और आपदा मित्र योजना के तहत तीन हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। पीडीएस में अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही हैं। सरकार का लक्ष्य पूरी तरह पारदर्शी, जवाबदेह और डिजिटल प्रशासन स्थापित करना है और आगामी तीन वर्षों के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।



