पत्थलगांव से हज यात्रा करने जा रहे लोगो को किया रवाना, विदाई में भावुक हुए परिजन, उमड़ी लोगों की भीड़, किया गया इस्तकबाल

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पत्थलगांव से हज यात्रा करने जा रहे लोगो को किया रवाना, विदाई में भावुक हुए परिजन, उमड़ी लोगों की भीड़, किया गया इस्तकबाल

पत्थलगांव से हज यात्रा करने जा रहे लोगो को किया रवाना, विदाई में भावुक हुए परिजन, उमड़ी लोगों की भीड़, किया गया इस्तकबाल




विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव। पत्थलगांव से हज की यात्रा के लिए दो दम्पति हज यात्री सोमवार को रवाना हुए। हाजियों के दल को विदा करने इनके परिवार जनों के साथ साथ समुदाय के अन्य लोग भी मौजूद रहे। इन्हे विदा करने के समय घर से रैली निकाल फटाकों की आवाज, धर्म से जुड़े नारो के बीच में इन्हें विदा किया गया। यहां मस्जिद के मौलाना व समुदाय के लोगों ने हज यात्रियों का इस्तकबाल किया। हज यात्रियों को विदा करने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों ने नम आंखों से हज यात्रियों को राँची के लिए विदा किया उनके परिवार वाले उन्हें राँची तक छोड़ने भी गये है। हज यात्रा पर जाने वालों ने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि हमे हज का मौका मिला।

पत्थलगांव से हज यात्रा करने वालों में मो.अनवर पत्नी रोशन खातून एवम मो. अनीश पत्नी हसीना खातून शामिल है। जो पत्थलगांव से रांची एयरपोर्ट वहां से दिल्ली और दिल्ली से सऊदी जाना है। इससे पहले उन्होंने मस्जिद पहुंचकर जुब्बा शरीफ की जियारत कर अमन चैन की दुआ मांगी। इस अवसर पर हज यात्रा पर जाने वाले दम्पतियों को उनके परिजनों व समुदाय के अन्य लोगों ने माला पहनाई और विदाई दी।

विदित हो कि मुस्लिमों की पवित्र 'हज यात्रा' शुरू हो चुकी है. हर साल सऊदी अरब के पवित्र मक्का शहर में धुल हिज्जा महीने में हज की यात्रा की जाती है. धुल हिज्जा इस्लामिक कैलेंडर वर्ष का 12वां महीना है. इस बार हज 26 जून से शुरू होकर 1 जुलाई को खत्म होगा. हज पांच दिन की एक धार्मिक यात्रा है, जो सऊदी अरब के मक्का शहर में होती है. इस्लाम के अनुसार, हर मुस्लिम को अपने जीवन में एक बार हज जरूर जाना चाहिए।

हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. ऐसी परंपरा है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुस्लिमों को अपने जीवन में कम से कम एक बार हज जरूर जाना चाहिए. हज पाप धोने और खुद को अल्लाह के और करीब लाने का रास्ता है।

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