14 फरवरी ’बसंत पंचमी’ के दिन सरस्वती पूजा एवं मातृ-पितृ पूजन दिवस का स्कूलों में होगा आयोजन

Breaking Posts

6/trending/recent
Type Here to Get Search Results !

14 फरवरी ’बसंत पंचमी’ के दिन सरस्वती पूजा एवं मातृ-पितृ पूजन दिवस का स्कूलों में होगा आयोजन

 14 फरवरी ’बसंत पंचमी’ के दिन सरस्वती पूजा एवं मातृ-पितृ पूजन दिवस का स्कूलों में होगा आयोजन



रायपुर। इस वर्ष 14 फरवरी ’बसंत पंचमी’ को सरस्वती पूजा एवं मातृ-पितृ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिवस पर स्कूलों में विद्यार्थी एवं अभिभावकों के साथ सरस्वती पूजा के साथ मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आज मंत्रालय से आदेश जारी कर दिया है।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालक लोक शिक्षण और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 14 फरवरी को मां सरस्वती के पूजन के साथ-साथ इस दिवस पर शाला परिसरों में विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ-साथ सरस्वती पूजा के साथ मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किए जाए।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के प्रवास के दौरान कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कंडोरा में 11 फरवरी को आयोजित मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप मनाने की घोषणा की थी। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस संबंध में कहा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार बच्चों को अच्छे संस्कार देने और संस्कृति को सहेज कर रखने हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मातृ-पितृ दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं

माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। भगवान गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा को ही ब्रह्मांड की परिक्रमा माना था और संसार में प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त किया था। माता-पिता की सेवा करने वाले गणपति के समान बुद्धिमान बनते हैं। माता-पिता की सेवा और उनके आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है। यह हमारे संस्कार भी हैं और संस्कृति भी। यह कहना है छत्तीसगढ़ के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल का।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के बाद संस्कृती मंत्री श्री अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा की, अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने और अपनी संस्कृति को सहेज कर रखने के लिए हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि, माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 14 फरवरी को मातृ पितृ पूजन दिवस मनाने के निर्देश दिए हैं। अपने माता पिता का पूजन करें, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। माता-पिता की सेवा और आशीर्वाद से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं है। जीवन में सफलता का मूल मंत्र है माता-पिता की सेवा और उनका आशीर्वाद। इसलिए बसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को पूरे छत्तीसगढ़ में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जायेगा। सभी स्कूलों, कॉलेजों के साथ ही सामाजिक संस्थाएं भी इस दिन पर विशेष आयोजन करें और बच्चों में माता-पिता के सम्मान करने उनसे आशीर्वाद लेने को कहें।

श्री अग्रवाल ने कहा कि पहले भी हमारी सरकार के द्वारा मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया जाता था। उन्होंने कहा कि संस्कार और संस्कृति के बिना हम अच्छे नागरिक नहीं बन सकते और उसके बिना अच्छे राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण के लिए हमारी सरकार ने 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

Top Post Ad


 

Below Post Ad

Ads Bottom