अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज में आयोजित राज्य स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हुवे शामिल

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज में आयोजित राज्य स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हुवे शामिल

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर साइंस कॉलेज में आयोजित राज्य स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हुवे शामिल




रायपुर। योग दिवस के अवसर पर रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय सामूहिक योगाभ्यास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुवे। मुख्यमंत्री के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने योगाभ्यास कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया। इस अवसर पर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में उमड़े जनसैलाब ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को खास बना दिया। स्वस्फूर्त लोगों की भागीदारी से योग की बढ़ती लोकप्रियता के दर्शन हुवे। "स्वयं और समाज के लिए योग" थीम पर विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री राजेश मूणत, गुरू खुशवंत साहेब, श्री अनुज शर्मा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।


आज धमतरी में ‘मिशन अव्वल’ सम्मान समारोह में भी  हिस्सा लेंगे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने सुबह 7 बजे राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान पहुंचे योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होंने के पश्चात दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड से धमतरी के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होकर ग्राम मुजगहन के केन्द्रीय विद्यालय परिसर में बनाए गए हेलीपेड में दोपहर 1.55 बजे पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री 2 बजे मेनोनाईट इंग्लिश स्कूल रत्नाबांधा में आयोजित होने वाले कार्यक्रम ‘मिशन अव्वल’ सम्मान समारोह में हिस्सा लेंगे। दोपहर 3.30 बजे मुख्यमंत्री धमतरी से रवाना होकर 4.05 बजे रायपुर लौट आएंगे।


विशेष लेख : योग से जुड़ता पूरा विश्व, धनंजय राठौर, संयुक्त संचालक

योग का अर्थ होता है, जुड़ना। योग के माध्यम से आज पूरा विश्व एक परिवार के रूप में जुड़ गया है। भारत में योग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानव शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखना हैं। योग न केवल शरीर को रोगमुक्त रखने में सहायक होता है बल्कि इसके निरंतर अभ्यास करने से मन को शांति भी प्राप्त होती है। भारत को पूरी दुनिया में योग गुरु के नाम से जाना जाता है, जहां ऋषि-मुनियों द्वारा सदियों से योग का अभ्यास किया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एकता और सद्भाव को बढ़ावा देते हुए सांस्कृतिक और धार्मिक सीमाओं को पार करता है। योग सभी के लिए एक अभ्यास है, भले ही व्यक्तिगत विश्वास या जुड़ाव कुछ भी हो। योग को अपनाने से समाज में एकता और अर्न्तसंबंधों की सामूहिक भावना बढ़ती है। इस वर्ष का थीम भी ‘स्वयं और समाज के लिए योग‘ रखा गया है।

योग हमारी जीवनशैली को बेहतर बनाता है। योग के आसनों को अपनाकर अनेक तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। यह आज की जीवनशैली में होने वाले तनाव को दूर करता है और लोगों में भावनात्मक अनुभूति को जगाता है। यह चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। आध्यात्मिक रूप से योग आत्म-जागरूकता की संवेदनाओं को मजबूत बनाता है और आंतरिक शांति और शक्ति प्रदान करता है।

योग का मानव जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि इसका संबंध मनुष्य के शरीर और मन को स्वस्थ रखने से संबंधित हैं। योग के नियमित अभ्यास से मन की एकाग्रता और भावनाओं को ध्यान केन्द्रित किया जाता है। योग एक ऐसा व्यायाम है जो शरीर को फुर्तीलेपन, शक्ति और संतुलन प्रदान करता है।

“अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाने की शुरुआत भारत देश की ओर से की गई थी, जिसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। जब संयुक्त राष्ट्र की बैठक में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसे संयुक्त राष्ट्र में शामिल सभी 193 देशों के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हर साल 21 जून के दिन “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस” मनाए जाने की घोषणा कर दी गई। वर्ष 2015 से हर साल पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएं जाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

योग के प्रति उत्साही, चिकित्सक और संगठन दुनिया भर में कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला आयोजित करने के लिए एक साथ आते हैं। सामूहिक योग सत्र, कार्यशालाएं, सेमिनार और व्याख्यान सार्वजनिक पार्कों, स्टेडियमों, सामुदायिक केंद्रों और योग स्टूडियो में होते हैं। ये सभाएँ परस्पर एक-दूसरे से जुड़ाव और समभाव को बढ़ावा देता हैं, जिससे सभी उम्र, पृष्ठभूमि और फिटनेस स्तर के व्यक्ति योग की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव होता है।


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