बिहार के रेड लाइट एरिया में बड़ा पड़ा छापा, छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग, दुर्ग की 3 लड़कियां भी शामिल

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बिहार के रेड लाइट एरिया में बड़ा पड़ा छापा, छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग, दुर्ग की 3 लड़कियां भी शामिल

बिहार के रेड लाइट एरिया में पड़ा छापा, छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग, दुर्ग की 3 लड़कियां भी शामिल

राज्य मे जब से भाजपा की सरकार बनी है महिलाएं सुरक्षित नहीं:- कॉंग्रेस, एसआईटी के गठन की मांग



बिहार के सासाराम रोहतास के बिक्रमगंज के नटवार बाजार में देह व्यापार के ठिकानों से छुड़ाई गईं लड़कियों में दुर्ग जिले की एक युवती और दो नाबालिग शामिल हैं। इनका घर अंजोरा चौकी और रानीतराई थाना क्षेत्र में है।

इनमें से एक युवती और एक किशोरी के पिता की मृत्यु हो चुकी है। परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। गरीबी इतनी है कि एक बस्ती में एक-एक कमरे के घर में चार से पांच लोग रहते हैं। कमरे का आकार भी महज 60 से 80 वर्गफीट होगा। गरीबी के चलते ये सभी बिहार पहुंचीं।

वहां इन्हें ऑर्केस्ट्रा में काम करने का झांसा देकर देह व्यापार के दलदल में ढकेल दिया गया। रेस्क्यू की गईं तीनों लड़कियों को पुलिस  बिहार से लेकर छत्तीसगढ़ के लिये रवाना होंगी। बता दें कि बीते छह मार्च को बिहार पुलिस ने नटवार बाजार में संचालित नर्तकी और ऑर्केस्ट्रा पार्टी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। वहां से 41 से अधिक लड़कियों को रेस्क्यू किया गया था। सभी लड़कियां छत्तीसगढ़ की हैं। इनमें करीब 20 नाबालिग हैं। 

रेड लाइट एरिया में मिली 

कुछ दिन पहले बिहार के रोहतास जिले में स्थित रेड लाइट एरिया छापेमारी के दौरान छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग लड़कियां देह व्यापार के धंधे में लिप्त मिलीं। पुलिस ने सभी लड़कियों अपने कब्जे में लेकर वहां एक NGO रखवाया है। जैसे ही इसकी जानकारी दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को हुई उन्होंने एक टीम बिहार भेजने निर्देश दिया। इन सभी लड़कियों को लेने के लिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग थानों से पुलिस की टीम गई है।

 लड़कियों ने कहा नाचने गाने के लिए आए थे बिहार

दुर्ग पुलिस की टीम रोहतास जाकर बच्चियों से मिल चुकी है। पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि उनके साथ कोई देह व्यापार नहीं कराया जा रहा था। वो लोग नाचने गाने का काम करते हैं। पैसा कमाने के लालच में उनके माता पिता ने खुद अपनी मर्जी से बिहार नाचने के लिए भेजा था। लड़कियों ने देहव्यापार करने या कराने से साफ मना किया है। पुलिस ने इस कार्रवाई में पांच लोगों को हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रोहतास जिले की बाल कल्याण समिति ने सभी लड़कियों को बरामद किया। समिति ने बताया कि ज्यादातर लड़कियां गरीब परिवारों से हैं। इन लड़कियों के माता-पिता ने 30 से 50 हजार रुपए में अपनी बेटी का सौदा कर दिया था। पहले इन्हें ऑर्केस्ट्रा में डांस करने के लिए लाया गया, फिर जबरन गलत काम करवाया जाने लगा। इससे होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा लड़कियों के माता-पिता को भी भेजा जाता था।


छत्तीसगढ़ के इन जिलों की लड़कियां हुई बरामद

बिहार के रेड लाइट इलाके से रेस्क्यू की गई लड़कियां छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, दुर्ग समेत अन्य जिलों की हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस की कई टीमें रोहतास भेजी गई हैं। इसमें दुर्ग की टीम भी शामिल है। वहां से सभी लड़कियों को लाकर उनके माता पिता को उन्हें सौंपा जाएगा।


कांग्रेस ने साय सरकार को घेरा

बिहार के रोहतास जिले के रेड लाइट इलाके से छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग लड़कियों के बरामद होने के मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार हमारी बच्चियों को सुरक्षित नहीं रख पा रही है। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है, महिलाएं सुरक्षित नहीं है। 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एक तरफ सरकार महिला दिवस की शुभकामना का विज्ञापन छपाती है इसी दिन यह खबर सामने आती है की छत्तीसगढ़ की लड़कियां पटना के रेड लाइट इलाके मे बरामद हुई है। इस खबर से राज्य के हर स्वाभिमानी नागरिक का खून खौल रहा है। भाजपा सरकार हमारी बच्चियों को सुरक्षित नहीं रख पा रही है। राज्य मे जब से भाजपा की सरकार बनी है महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों मे बढ़ोतरी हो गई है। छत्तीसगढ़ का दूरस्थ इलाका जशपुर बस्तर मानव तस्करी का केंद्र बन गया है। जशपुर, पत्थलगांव जैसे इलाकों से महिलाओं को नौकरी के नाम पर लालच दे कर प्लेसमेंट एजेंसिया दिल्ली मुंबई मे बंधक बना कर अमानवीय व्यवहार करती हैं। इस ओर अनेकों सामाजिक संगठनों ने सरकार का कई बार ध्यान आकृष्ट कराया था लेकिन सरकार को महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता ही नहीं है।

कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि प्रदेश से गायब हुई लड़कियों की पत्तासाजी के लिए तत्काल एसआईटी का गठन कर युद्ध स्तर पर कार्यवाही शुरू की जाए। इसके साथ ही राज्य मे काम करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों की कार्यप्रणाली की भी जांच होनी चाहिए उनसे पूरा ब्यौरा मांगा जाए उन्होंने कितनी लड़कियों को नौकरी के लिए प्रदेश से बाहर भेजा और वे अब कहा हैं?

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