अम्बिकापुर स्टील व्यपारी अक्षत अग्रवाल मर्डर केस में आरोपी के नार्को टेस्ट में भी हुआ खुलासा, खुद के हत्या की रची थी साजिश
परिजनों ने हत्याकांड में एक से अधिक लोगों के शामिल होने का जताया था अंदेशा
मृतक अक्षत
अम्बिकापुर। 21 अगस्त 2024 की सुबह, अम्बिकापुर शहर के मनेंद्रगढ़ मार्ग स्थित अंबिका स्टील के संचालक महेश केडिया के बेटे अक्षत अग्रवाल उम्र 23 वर्ष की लाश उसकी ही कार में पाई गई थी। सीने और पेट में 3 गोलियां धंसी थी। वारदात को अक्षत के ही एक पुराने कर्मचारी ने अंजाम दिया था। आरोपी संजीव मंडल के मुताबिक अक्षत ने खुद की सुपारी दी थी।
पूछताछ ने आरोपी संजीव मंडल ने बताया था कि अक्षत अग्रवाल ने ही उसे खुद को मारने की सुपारी दी थी। जिसके एवज में उसने पचास हजार कैस और सोनें की चैन ली थी। आरोपी ने पुलिस को बताया था कि अक्षत खुद का मर्डर करवाने के लिए अपने साथ पिस्टल भी लेकर आया था।जिसके बाद संजीव ने अक्षत के सीने में गोलियां मार कर हत्या कर दी थी और मौके से फरार होकर अपने घर आ गया था। पुलिस नें आरोपी को जेल भेज दिया था और उसके बाद तीन दिनों का रिमांड लेकर उससे फिर से पूछताछ की गई थी। पुलिस ने आरोपी संजीव मंडल से कई बार पूछताछ की थी और आरोपी ने हर बार उसे एक ही जवाब दिया।
एसपी योगेश पटेल ने बताया कि घटना की वास्तविकता जानने कोर्ट के आदेश पर आरोपी संजीव मंडल के नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए पुलिस आरोपी को लेकर गुजरात के गांधीनगर गई थी। तीनों टेस्ट अलग-अलग समय पर कराए गए थे। तीनों एक्सपर्टों द्वारा आरोपी से पूछताछ के लिए अलग-अलग सवाल तैयार किए गए थे।जिसमें पुष्टि हुई कि अक्षत अग्रवाल ने ही आरोपी को वहां बुलाया था। पिस्टल व कारतूस भी उसी के थे। रुपए व आभूषण भी अक्षत अग्रवाल ने ही दिए थे। वहीं घटना स्थल पर और कोई नहीं था। इसी के आधार पर चालान पेश किया गया है।
टेस्ट में आरोपी संजीव मंडल ने बताया कि अक्षत अग्रवाल ने खुद संपर्क किया और अपने साथ ले गया। जब्त तीनों पिस्टल और 34 कारतूस अक्षत अग्रवाल खुद लेकर आया था। अक्षत अग्रवाल ने खुद को गोली मारने के लिए कहा, उसने रुपए और ज्वेलरी दिए।घटनास्थल पर उन दोनों के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति नहीं था। हत्याकांड को लेकर पहले से कोई साजिश नहीं रची गई, ना ही कोई और संलिप्त।
हालांकि, अब तक मृतक का मोबाइल अब तक अनलॉक नहीं हुआ। वहीं आरोपी संजीव ने कबूल किया है कि उसने अक्षत को 2 गोलियां मारी थीं, जबकि एक गोली अक्षत ने खुद अपने पर चलाई थी। अक्षत अग्रवाल का आईफोन पुलिस अनलॉक नहीं कर पाई। पासवर्ड परिजन भी नहीं बता पाए। इसके बाद NIA और CBI की भी मदद मांगी गई, लेकिन वहां से भी आईफोन को अनलॉक करने का कोई उपाय नहीं मिला। अब तक आईफोन अनलॉक नहीं हो सका है।
वहीं परिजनों ने हत्याकांड में एक से अधिक लोगों के शामिल होने का अंदेशा जताया था। अक्षत अपनी ही हत्या की सुपारी क्यों देगा, जबकि वह बड़े व्यवसाय को संभाल रहा था। उसके खाते में भी बड़ी रकम डिपॉजिट है। परिजनों ने दावा किया था, उसकी अलमारी में 12 से 15 लाख रुपए होते थे, जो नहीं हैं। अक्षत ने 3 अवैध पिस्टल और 34 गोलियां क्यों और कहां से खरीदी थी, इसका पता नहीं चल सका। पुलिस इसका सुराग लगाने पश्चिम बंगाल के मालदा तक पहुंची थी, लेकिन लिंक नहीं मिल सका।