छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ी, छह हजार करोड़ के महादेव सट्टाबाजी एप मामले में CBI ने बनाया आरोपी
एफआईआर में महादेव बेटिंग एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 21 आरोपितों के नाम शामिल
सीबीआई ने इस केस में दो आईपीएस पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार (डीओपीटी) से अभियोजन चलाने की मांगी स्वीकृति
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छह हजार करोड़ के महादेव सट्टाबाजी एप मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है। भूपेश बघेल का नाम आरोपियों में छठवे नंबर पर है। एफआईआर में महादेव बेटिंग एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 21 आरोपितों के नाम हैं। ईओडब्ल्यू से केस सीबीआइ को सौंपा गया था। इसके आधार पर अब सीबीआइ ने अपराध दर्ज किया है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में भी भूपेश बघेल का नाम था। आरोपियों में रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतिश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहुजा, धीरज आहुजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह, यादव, हरीशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी के नाम शामिल हैं ।
उल्लेखनीय है कि महादेव ऑनलाइन बुक एक अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने प्रमोट किया था। ये दोनों वर्तमान में दुबई में रह रहे हैं और वहां से इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं। आरोप है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में महादेव सट्टा एप को संरक्षण दिया गया था। इस नेटवर्क को निर्बाध रूप से चलाने के लिए इसके बदले में तत्कालीन सीएम को 508 करोड़ रुपये की प्रोटेक्शन मनी देने का दावा किया गया था। हालांकि भूपेश बघेल ने इस दावे को इनकार करते हुए कहा था कि छवि खराब करने के लिए यह किया गया है।
मार्च महीने में छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की थी। सीबीआई ने देशभर में भूपेश बघेल समेत 60 जगहों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी कई राजनेता, नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई थी। इस कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति तेज हो गई है। सीबीआई द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच जारी है। माना जा रहा है कि इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
सीबीआई छापे के बाद मंगलवार को 18 दिसंबर 2024 को दर्ज एफआईआर की कॉपी अब सार्वजनिक हुई है। सीबीआई ने इसी केस में दो आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार (डीओपीटी) से अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है। दोनों के खिलाफ सीबीआई को प्रारंभिक जांच में मोटी रकम के लेन-देन और खर्च के सबूत मिले हैं। इसी आधार पर दोनों पर अभियोजन चलाने की तैयारी है। दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। राज्य सरकार के अधिकारी व कर्मचारियों पर भी छापे के बाद कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। सीबीआई की छापेमारी के बाद ईडी ने भी मनी लॉड्रिंग और हवाला की जांच तेज कर दी है। सीबीआई ने जिन अधिकारियों के घर पर छापेमारी की है, उसकी अब ईडी भी जांच कर रही है।