विदेशी सोना तस्करी मामला:- 260.97 करोड़ रुपये की अवैध कमाई, ED ने तस्करों की कुल 64.14 करोड़ की संपत्ति की जब्त
छत्तीसगढ़ बना गोल्ड तस्करी कॉरिडोर, बीते 8 साल में छत्तीसगढ़ में 50 करोड़ रुपए से अधिक का सोना-चांदी जब्त
छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश तक सप्लाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) रायपुर जोनल कार्यालय ने शुक्रवार को सोना तस्करी सिंडिकेट से जुड़े सदस्यों सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवले की करीब 3.76 करोड़ रुपए की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं। इनपर आरोप है कि उन्होंने तस्करी का सोना भारत में स्थानीय ज्वैलर्स को सस्ते दामों पर बेचकर लगभग 260.97 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। इस मामले में अब तक ईडी ने कुल 64.14 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इनमें बैंक खातों में जमा रकम, फ्लैट्स और जमीनें शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने यह जांच डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) द्वारा कस्टम्स एक्ट 1962 की धारा 135 के तहत दर्ज अभियोजन शिकायत के आधार पर शुरू की थी। इस केस में तस्करी करके सोना लाने वाले कैरियर्स को डीआरआई ने पकड़ा था। बरामद सोना विदेशी मूल का था, जिसे भारत में अवैध तरीके से लाकर रायपुर में खपत के लिए भेजा गया था। इसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की बताया गया है।
सोना भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए लाया
ईडी की जांच में सामने आया कि सचिन केदार ने विजय बैद के निर्देश पर कोलकाता से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, नागपुर और मुंबई तक विदेशी सोने की तस्करी की। यह सोना भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए लाया गया था। इसके बाद इसे रायपुर के नामचीन ज्वैलर्स को बेचा गया। जिन लोगों को यह सोना बेचा गया, उनमें सुनील कुमार जैन (सहेली ज्वेलर्स), प्रकाश सांखला (नवकार ज्वेलर्स), सुमीत ज्वेलर्स, पुरुषोत्तम कवले (सागर ज्वेलर्स) और धीरेज बैद शामिल हैं।
कुल 260.97 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति
जांच एजेंसी के मुताबिक, इस केस में तस्करी किए गए विदेशी सोना और चांदी के रूप में कुल 260.97 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति (Proceeds of Crime) का अनुमान है। अभी तक ईडी द्वारा कुल 64.14 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त या अटैच की जा चुकी हैं।
मामला अप्रैल 2021 में उस समय उजागर हुआ, जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने कोलकाता एयरपोर्ट पर 2 तस्करों को गिरफ्तार किया। इन दोनों के शरीर में बंधी बेल्ट से विदेशी सोना बरामद हुआ था।
तस्करों की तलाशी के दौरान उनके शरीर से बंधे बेल्ट से दुबई का सोना गिरने लगा था। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि यह सोना राजनांदगांव के मोहनी ज्वेलर्स को सौंपना था। इसके बाद DRI की टीम राजनांदगांव में छापेमारी की प्लानिंग की।
DRI ने सुराग को आगे बढ़ाते हुए 1 मई 2021 को राजनांदगांव के जसराज शांतिलाल बैद के नंदई स्थित घर में छापा मारा। पूछताछ में इस सिंडिकेट का खुलासा हुआ, जिसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की निकला। ये दुबई से भारत तक तस्करी की कड़ी का संचालन करता था।
दुबई से कैसे छत्तीसगढ़ तक पहुंचता था सोना-चांदी?
DRI और ED की जांच में यह बात सामने आई कि दुबई से निकला सोना पहले म्यांमार या बांग्लादेश भेजा जाता था, जहां से नॉर्थ ईस्ट राज्यों के रास्ते यह भारत में दाखिल होता था। यहां से ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से कैरियर (तस्कर) लेकर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव लाता था।
ED के मुताबिक, सचिन केदार इस नेटवर्क का सक्रिय सदस्य था, जो कोलकाता से रायपुर, नागपुर और मुंबई तक तस्करी का सोना पहुंचाता था। राजनांदगांव से सोना रायपुर, दुर्ग समेत आसपास के जिलों में नामचीन ज्वेलर्स तक पहुंचता था।
छत्तीसगढ़ बना गोल्ड तस्करी कॉरिडोर?
DRI के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 8 साल में छत्तीसगढ़ में 50 करोड़ रुपए से अधिक का सोना-चांदी जब्त किया जा चुका है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि तस्कर इस राज्य को कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। सोना न केवल बेचने के लिए, बल्कि आगे महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश तक सप्लाई के लिए। रायपुर में DRI का ज़ोनल दफ्तर खुलने के बाद अब तक 25 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई की जा चुकी है।