छत्तीसगढ़ राज्य में एक ऐसा गांव है जहां के निवासी दो विधायकों को देते हैं वोट, दो निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवार वोट मांगने आते है ये गांव
एजेंसी। छत्तीसगढ़ राज्य में एक ऐसा गांव है जहां के निवासी दो विधायकों को वोट देते और चुनते है। यहां अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी गांव में आकर अपना प्रचार प्रसार करते नजत आते है। आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले यह गांव आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। महज 5 हजार की आबादी वाले इस गांव में दो निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवार वोट मांगने के लिए इस जगह का दौरा कर रहे हैं।
हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में उतरे
राजनांदगांव और दुर्ग ग्रामीण दोनों प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राज्य के मौजूदा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू जैसे हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा ने रमन सिंह को उनकी निवर्तमान राजनांदगांव सीट से मैदान में उतारा है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के वर्तमान अध्यक्ष गिरीश दीवानगन कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। दुर्ग ग्रामीण सीट पर कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख ओबीसी नेता मंत्री साहू को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने नए चेहरे ललित चंद्राकर को मैदान में उतारा है।
दुर्ग और राजनांदगांव जिले के बीच की सीमा पर स्थित अंजोरा गांव केवल सड़कों द्वारा दो जिलों के क्षेत्रों में विभाजित है। दुर्ग शहर से लगभग 10 किमी दूर दुर्ग और राजनांदगांव शहरों के बीच मुंबई-हावड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर स्थित यह गांव दो पंचायतों - अंजोरा ग्राम पंचायत (राजनांदगांव) और अंजोरा 'ख (बी)' ग्राम पंचायत (दुर्ग) द्वारा शासित होता है।पूरे गांव में उम्मीदवारों के पोस्टर और बैनर देखे जा सकते हैं, चाहे वे किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हों। ऐसा कहा जाता है कि गांव दो विधायकों को चुनता है।' आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले दुर्ग ग्रामीण और राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवार चुनाव से पहले प्रचार के लिए अंजोरा की यात्रा कर रहे हैं। दुर्ग और राजनांदगांव जिले के बीच की सीमा पर स्थित अंजोरा गांव केवल सड़कों द्वारा दो जिलों के क्षेत्रों में विभाजित है।
यह गांव दो पंचायतों में बंटा
अंजोरा बी पंचायत की सरपंच संगीता साहू के पति माखनलाल साहू ने कहा कि राजनांदगांव जिले का गठन 1973 में दुर्ग जिले (तत्कालीन मध्य प्रदेश) से अलग होकर किया गया था। तब से यह गांव दो पंचायतों में बंट गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सीटों के लिए परिसीमन भी इस तरह से किया गया था कि गांव का आधा हिस्सा एक निर्वाचन क्षेत्र में और आधा हिस्सा दूसरे खंड में पड़ता है।उन्होंने कहा, गांव में ऐसे भी परिवार हैं जिनके आधे सदस्यों को राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए और आधे को दुर्ग ग्रामीण के लिए मतदान करना था।