राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेज भवन निर्माण के लिए 1020 करोड़ रूपए का ई-टेंडर जारी

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राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेज भवन निर्माण के लिए 1020 करोड़ रूपए का ई-टेंडर जारी

राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेज भवन निर्माण के लिए 1020 करोड़ रूपए का ई-टेंडर जारी

24 माह में पूरा होगा निर्माण कार्य, सीजीएमएससी होगी निर्माण एजेंसी

चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्रों को पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी करना प्रतिबंधित



रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं। तरक्की और सुशासन का ये सफर स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के रूप में भी नजर आ रहा है। । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के साथ मिलकर स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और नई सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दिया है। इसी बात के मद्देनजर मुख्यमंत्री साय की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में राज्य के चार नवीन मेडिकल कालेजों के भवन के लिए निविदा जारी कर दी गयी है।  

राज्य में जांजगीर चांपा, कबीरधाम, मनेंद्रगढ़ और दंतेवाड़ा के गीदम में चार नवीन मेडिकल कालेज बनेंगे। इनकी प्लानिंग, डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और निर्माण कार्य के लिए 1020.60 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। 11 अक्टूबर से बिड डाक्यूमेंट आनलाइन उपलब्ध होंगे तथा इन्हें जमा करने की अंतिम तारीख 7 नवंबर होगी।

 ई- टेंडर जारी होने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि उनकी पहली प्राथमिकता राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का इजाफा करना है ताकि राज्य के युवाओं के साथ ही प्रत्येक वर्ग के लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके और स्थानीय लोगों को इलाज के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध हो सके।


शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्रों को पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी करना प्रतिबंधित

छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के स्नातकोत्तर छात्र पाठ्यक्रम अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नही कर पाएंगे। चिकित्सा शिक्षा रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश नियम एवं विवरणिका 2021 अनुसार इसको प्रतिबंधित किया गया है। इस आदेश के अंतर्गत सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं और प्राचार्य दंत चिकित्सा महाविद्यालय को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं इस नियम का कड़ाई से पालन करें। सभी छात्र-छात्राओं से इस संबंध में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिये गये है। जो इस बात का आश्वासन देगा कि वे अपनी पाठ्यक्रम अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की अनाधिकृत निजी प्रेक्टिस, सेवा अथवा नौकरी नही करेंगे।

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